एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बहुत पास से गुजरेगा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शुक्रवार, 6 मई 2011

एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बहुत पास से गुजरेगा.


 नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार करीब आधा किलोमीटर लंबी-चौड़ी एक चट्टान चंद्रमा और पृथ्वी  के बीच से गुजरेगी. इसे छोटे से टेलिस्कोप से भी देखा जा सकेगा. वैज्ञानिकों ने आश्वस्त किया है कि इससे डरने की कोई बात नहीं क्योंकि यह पृथ्वी के पास से गुजर जाएगी. सोसाइटी फॉर पॉपुलर एस्ट्रोमॉमी के रॉबिन स्कैगल के अनुसार, किसी क्षुद्रग्रह को इतने नजदीक से देखने का मौका बहुत ही दुर्लभ है.'

विशेषज्ञों के अनुसार 'वाईयू55' 'नामक यह क्षुद्रग्रह (चट्टान) यदि पृथ्वी से टकरा जाए तो इससे 65,000 परमाणु बमों जितनी ऊर्जा उत्सर्जित होगी. इसके टकराने से धरती पर छह मील चौड़ा और 2,000 फीट गहरा गड्ढा बन जाएगा. यह चट्टान पृथ्वी से मात्र 201,000 मील की दूरी से गुजरेगी (अंतरिक्षीय पैमाने पर यह दूरी बहुत कम है). पृथ्वी के इतने नजदीक से गुजरने वाला अब तक का यह सबसे विशाल पिंड होगा.
नासा ने इस क्षुद्रग्रह को संभावित खतरनाक पिंडों की सूची में रखा है, हालांकि उसका कहना है कि मौजूदा वक्त में यह जिस राह पर है, उससे इसके पृथ्वी के टकराने का कोई खतरा नहीं है. 'वाईयू55' हर 14 वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है. इस क्षुद्रग्रह का पहली बार पता अप्रैल 2010 में चला जब यह पृथ्वी 10.5 लाख मील दूर से गुजरा था. अभी पृथ्वी के नजदीक 874 ऐसी चट्टानें हैं जिन्हें संभावित खतरा माना जाता है. इन सब पर बारीकी से नजरें रखी जाती हैं. हर साल खगोलविदों द्वारा खोजे जाने वाले क्षुद्रग्रहों की चलते इस सूची में इजाफा होता रहता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कुछ सौ से हजार वर्षो के बीच आमतौर पर बड़े क्षुद्रग्रह की पृथ्वी से टक्कर होती है.

कोई टिप्पणी नहीं: