विमानन कम्पनी एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल मंगलवार को सांतवें दिन भी जारी है। हड़ताली पायलट और एयर इंडिया प्रबंधन अपने रुख पर अड़े हैं। पायलटों ने गतिरोध समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हस्तक्षेप की मांग की है। हड़ताल के सातवें दिन एयर इंडिया ने 165 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें रद्द की हैं लेकिन अमेरिका, यूरोप और जापान सहित लम्बी दूरी की 45 उड़ानें निर्धारित समय पर संचालित होंगीं।
एयर इंडिया में कुल 1,600 पायलट पदस्थ हैं और सामान्य तौर पर प्रतिदिन 320 उड़ानें संचालित की जाती हैं। हड़ताली पायलटों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वेतन में समानता की मांग दोहराई है। हड़ताल पर गए पायलट एयर इंडिया में वर्ष 2007 में विलय की गई इंडियन एयरलाइंस के पायलट हैं। इस विलय के बाद से ही कम्पनी कथित कुप्रबंधन के कारण घाटा झेल रही है।
पायलटों ने कम्पनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अरविंद जाधव के इस्तीफे की मांग की है लेकिन सरकार ने एयर इंडिया प्रबंधन का समर्थन किया है और हड़ताल खत्म किए जाने तक बातचीत से इंकार किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ के पदाधिकारियों पर आपराधिक अवमानना के मामले में कार्रवाई शुरू की। हड़ताल पर गए पायलट इसी संघ के सदस्य हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति बी. डी. अहमद और न्यायमूर्ति वीना बिरबाल ने कहा, "न्यायालय ने जब 29 अप्रैल को हड़ताल खत्म करने का आदेश जारी कर दिया था तब आपको इसका पालन करना चाहिए था। हम संस्थानिक आदेश के उल्लंघन की अनुमति नहीं दे सकते।" न्यायमूर्ति अहमद ने कहा, "आपके उग्रतापूर्ण कार्य से देश को नुकसान हुआ है। क्या यह सही है कि केवल आठ लोगों के कारण हजारों लोगों को परेशानी झेलनी पड़े और क्या आप समझते हैं कि जनमत आपके साथ है।"

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