लोकपाल बिल के मसौदे को तैयार करने के लिए बनाई गई संयुक्त समिति की दूसरी बैठक नई दिल्ली में सोमवार को हुई। बैठक को सिविल सोसाइटी के सदस्यों और केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल दोनों ने ‘बहुत अच्छी’ और ‘वैचारिक एकमत’ के साथ हुई बताया। समिति की अगली बैठक शनिवार को होगी।
बैठक के बाद सिब्बल ने कहा कि संयुक्त समिति के सिविल सोसायटी और सरकार के सदस्यों द्वारा एक-दूसरे को दिए जाने वाले प्रस्तावों पर फिर से 7 मई को होने वाली बैठक में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सोमवार की बैठक में सिविल सोसायटी के सदस्यों ने प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के उद्देश्यों और इसके सिद्धांतों पर आधारित एक दस्तावेज पेश किया। इस पर चर्चा की गई। सिब्बल ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 30 जून तक प्रस्तावित विधेयक के मसौदे की मोटे तौर पर एक रूपरेखा पर समिति की सहमति हो जाएगी। इसके बाद जनलोकपाल विधेयक संसद में पेश किए जाने के लिए तैयार हो जाएगा। संयुक्त समिति की अगली बैठकें 7 मई, 23 मई और 30 मई को होंगी।
बैठक के बाद सिविल सोसायटी के सदस्यों ने भी बैठक को अनुकूल वातावरण में हुआ बताया। कहा कि बैठक में अधिनियम के मूलभूत सिद्धांतों पर चर्चा हुई। संयुक्त समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने पत्रकारों से कहा कि बैठक में विधेयक की मुख्य विशेषताओं, उद्देश्य और कारणों पर चर्चा हुई। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन के मुख्य प्रस्तावों पर आधारित रख कर बनाया गया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन पर जिन मुल्कों ने हस्ताक्षर किए हैं, उन्हें ऐसे कानून लाने ही होंगे। भारत ने 2005 में इस पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन इसे कानूनी जामा नहीं पहनाया है। संयुक्त समिति में सरकार और सिविल सोसायटी की ओर से पांच-पांच सदस्य हैं। सिविल सोसायटी के सदस्यों में अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण और शांति भूषण हैं तो सरकार की ओर से प्रणब मुखर्जी, पी.चिदंबरम, वीरप्पा मोइली, सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल हैं। संयुक्त समिति की पहली बैठक 16 अप्रैल को हुई थी।

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