पाकिस्तान का वजूद अब खतरे में आ गया है। तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु आयुधों पर हमले की उसकी कोई योजना नहीं है। उसका लक्ष्य परमाणु हथियारों सहित पाकिस्तान पर कब्जा करना है। तालिबान ने ओसामा के मारे जाने का बदला लेने के लिए पाकिस्तान में हिंसक अभियान छेड़ रखा है। इससे पाकिस्तान के परमाणु आयुधों के असुरक्षित होने का डर सताने लगा है।
पाकिस्तान एक मात्र परमाणु शक्ति संपन्न मुस्लिम देश है। यह घोषणा करते हुए तालिबान प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने कहा कि उसके समूह का इस सच्चाई को बदलने का कोई इरादा नहीं है। तालिबान का लक्ष्य पाकिस्तान और उसके हथियारों पर कब्जा करना है। पाकिस्तान के कराची स्थित नौसेना के प्रमुख अड्डे पर तालिबान के पूरे समन्वय के साथ हमले ने पूरी दुनिया को खतरे का संकेत दे दिया है।
अफगानिस्तान की सीमा से लगी पाकिस्तान के कबाइली इलाकों से अपनी साजिशों को अंजाम दे रहे आतंकी संगठन पाकिस्तान से परमाणु हथियार छीनने में कामयाब हो सकते हैं। इस खतरे को खारिज करते हुए एहसान ने दावा किया कि अमेरिका इसे पाकिस्तान सरकार पर दबाव डालने और सेना को तालिबान से लड़ाने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। वह पाकिस्तान का सच्चा रखवाला होने का ढोंग रच रहा है। तालिबान प्रवक्ता ने सवाल किया कि क्या यह हमारे लिए शर्म की बात नहीं है कि हमारे पास इस्लामिक बम है और इसके बावजूद हम अमेरिकी दबाव के आगे घुटने टेक रहे हैं? परमाणु क्षमता संपन्न होने को पाकिस्तान में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसे भारत से सुरक्षा की गारंटी के तौर पर देखा जाता है।
2 टिप्पणियां:
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से हो?
जो जैसा बोता है वैसा ही काटता है | धन्यवाद|
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