काले धन पर रोक के लिए समिति का गठन. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 मई 2011

काले धन पर रोक के लिए समिति का गठन.


काले धन के मामले पर विपक्षी दलों के दबाव और योग गुरू बाबा रामदेव के सत्‍याग्रह को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी अब तेजी दिखानी शुरू कर दी है। देश में कितना काला धन है, इसका पता लगाने के लिए सरकार ने एक अध्ययन कराने का फैसला किया है। यह काम देश के तीन संस्थानों को संयुक्त तौर पर सौंपा गया है। इसके तहत न सिर्फ देश में बल्कि देश से बाहर भेजे गए काले धन का भी पता लगाया जाएगा। शनिवार को ही सरकार ने काले धन पर रोक लगाने के कानूनी उपाय करने पर सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया था।

काला धन और भ्रष्‍टाचार के लिए जंग का ऐलान करने वाले बाबा रामदेव ने 4 जून से दिल्ली में आंदोलन करने का फैसला किया है। बाबा रामदेव की प्रमुख मांग है कि विदेशी बैंकों में अवैध तरीके से जमा करीब 400 लाख करोड़ रुपए का काला धन भारत लाया जाए और इसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाए।  सरकार ने राष्ट्रीय लोक वित्त और नीति संस्थान (एनआइपीएपी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट (एनआइएफएम) और नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकॉनामिक रिसर्च (एनसीएईआर) को काले धन के बारे में स्‍टडी की जिम्‍मेदारी सौंप दी है। ये संस्थान न केवल अर्थव्यवस्था में कुल काले धन का अनुमान लगाएंगे बल्कि काला धन किन गतिविधियों से बनाया जा रहा है, हवाला का पैसा और इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर, अर्थव्यवस्था के वो क्षेत्र जहां ये व्याप्त है, इसका पता लगाने और रोकथाम के तरीकों पर भी सुझाव देंगे। ये संस्थान सरकार को यह भी सुझाएंगे कि इस पैसे पर भारत सरकार कैसे टैक्‍स वसूल सकती है और अब तक इस वजह में कितने कर का नुकसान हुआ है।

वित्त मंत्रालय ने अपने एक बयान में माना है कि काले धन के बारे में कोई संतोषजनक अनुमान नहीं हैं। कुछ हलकों में ये अनुमान लगाया जाता है कि काले धन की तादाद 500 अरब डॉलर से लेकर 1400 अरब डॉलर तक हो सकती है। ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी संस्था ने अनुमान लगाया है कि अवैध तरीके भारत से बाहर जाने वाला पैसा 462 अरब डॉलर तक हो सकता है। लेकिन इन अनुमानों की पुष्टि कर पाना बहुत मुश्किल है। इस विषय पर ये संस्थाएं इस साल मार्च में ही अध्ययन शुरू कर चुकी हैं और डेढ़ साल के भीतर इन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक समिति पहले ही बनाई जा चुकी है जो काला धन के इस्तेमाल पर लगाम कसने के लिए कानूनों को मजबूत बनाने के लिए सिफारिश करेगी।

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