भारत पाक रक्षा सचिव स्तर वार्ता. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 मई 2011

भारत पाक रक्षा सचिव स्तर वार्ता.


 भारत और पाकिस्तान में तीन साल के अंतराल के बाद रक्षा सचिव स्तर पर सोमवार से वार्ता शुरू होने जा रही है. भारत का नेतृत्व रक्षा सचिव प्रदीप कुमार करेंगे. बातचीत काफी समय से लंबित पड़ी सियाचिन मुद्दे पर होगी. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 'दो दिनों तक होने वाली इस बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव प्रदीप कुमार करेंगे.' पिछले साल थिंपू में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के मिलने के बाद भारत और पाकिस्तान ने इस वार्ता को शुरू करने का निर्णय लिया.

पाकिस्तान के रक्षा सचिव लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) सैयद अतहर अली 12वें दौर की बातचीत के लिये शनिवार यहां पहुंच चुके हैं. यह बातचीत मंगलवार तक चलेगी. पाकिस्तानी शिष्टमंडल में दो प्रशासनिक अधिकारी और चार सैन्य अधिकारी शामिल हैं जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विशेष सचिव आर के माथुर, सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल एएम वर्मा और सर्वेयर जनरल एस सुभा राव शामिल है. सियाचिन सेना की मौजूदगी वाला दुनिया का सबसे ऊंचा क्षेत्र है. भारत और पाकिस्तान के बीच 110 किलोमीटर लंबी वास्तविक भूस्थित रेखा (एजीपीएल) की स्थिति को लेकर मतभेद है, जो कि सोलतोरो रिज और सियाचीन ग्लेशियर से होकर गुजरती है.

अधिकारियों ने कहा, 'प्वाइंट आफ एनजे 9842 के बाद से एजीपीएल ग्रिड रेफरेंस स्पष्ट नहीं हैं. दोनों देशों ने सियाचिन ग्लेशियर को विसैन्यीकरण करने का फैसला किया है लेकिन दोनों पक्षों में मतभेद होने के बाद यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया. भारत चाहता है कि पाकिस्तान मानचित्रों और जमीनी दोनों स्तरों पर एजीपीएल को प्रमाणित करे क्योंकि उसने सालतोरो रिज के अधिकांश प्रमुख हिस्सो पर कब्जा कर रखा है.  पाकिस्तान 1972 के पहले की सैन्य स्थिति को बहाल करने पर जोर देता रहा है जिस पर शिमला समझौते में सहमति बनी थी. वर्ष 1984 में ग्लेशियर में पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी बढ़ने के बाद भारत ने भी आपरेशन मेघदूत चलाया था और इस क्षेत्र के सभी प्रमुख भागों में सैनिकों को तैनात किया था. दोनों देशों के बीच इस मुद्दे को लेकर रक्षा सचिव स्तर की वार्ता 1985 में शुरू हुई थी. भारत और पाकिस्तान के बीच संयुक्त बातचीत शुरू करने का निर्णय तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने किया था.

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