अमेरिका की नज़र सात आतंकवादियों पर. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 28 मई 2011

अमेरिका की नज़र सात आतंकवादियों पर.


अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के बाद अमेरिका की नज़र पाकिस्तान में मौजूद सात आतंकवादियों पर है। अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान दौरे पर सात आतंकवादियों की सूची सौंप दी है, जिनके खिलाफ उनकी सरकार पाकिस्तान के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाना चाहती है। एक अमेरिकी अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका यह मानता है कि सूची में मौजूद सभी आतंकवादी पाकिस्तान में मौजदू हैं।

अमेरिका द्वारा सौंपी गई सूची में ओसामा बिन लादेन के नायब रहे अयमान अल जवाहिरी, हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी, हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी का प्रमुख और अल कायदा आतंकी इलियास कश्मीरी, अल कायदा का ऑपरेशन चीफ आतिया अब्दल रहमान के नाम शामिल हैं। एक अमेरिकी चैनल ने दोनों देशों की सरकारों के शीर्ष अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है।

पाकिस्तान सरकार और खुफिया तंत्र से जुड़े अफसरों के मुताबिक इस सूची पर शुक्रवार को पाकिस्तान और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चर्चा हुई। वैसे पिछले दो हफ्तों में इस मुद्दे पर कई बार मीटिंग हो चुकी है। शुक्रवार की बैठक में हिलेरी क्लिंटन भी शामिल थीं। अमेरिकी सूची में शामिल इलियास कश्‍मीरी 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में भी वांछित है। उसने भारत में कई आतंकी वारदात अंजाम दिए हैं। अभी शिकागो कोर्ट में सुनवाई के दौरान आतंकीडेविड हेडली ने भी गवाही दी कि 26/11 के मुख्य साजिशकर्ता इलियास कश्मीरी का मानना है कि रक्षा कॉलेज को निशाना बनाकर भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारियों का खात्मा किया जा सकता है।

पाकिस्‍तान में अभी भी अल कायदा के आतंकी पनाह लिए हुए हैं। खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्‍तान के कोरांगी और शाह फैजल कॉलोनी में छापामारी कर जिन 7 आतंकियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है, वे अल कायदा के ही बताए जा रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी कराची के पीएनएस मेहरान नौसैनिक अड्डे पर हमले के सिलसिले में हुई है। इन सबसे पूछताछ की जा रही है। इनमें से एक तो डेरा गाजी खान इलाके में मदरसा चलाता है। ऐसे में अमेरिकी सूची पर कार्रवाई करने में पाकिस्‍तान के लिए आनाकानी करना मुश्किल हो सकता है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा पहले ही कह चुके हैंकि जरूरत पड़ी तो पाकिस्‍तान में दोबारा वैसी कार्रवाई हो सकती है, जैसी कि लादेन को मारने के लिए की गई थी।

 फ्रांस ने भी पाकिस्‍तान को तगड़ा झटका दिया है। उसने उसे हथियारों की आपूर्ति रोक दी है। नई दिल्‍ली में फ्रांस के रक्षा मंत्री जेरार्ड लोंगुएट ने संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में लादेन के मारे जाने से कई प्रश्न खड़े हुए हैं, जिनके उत्तर दिए जाने की जरूरत है। जब तक पाकिस्तान संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे देता, तबतक उसे भारी सैन्य उपकरण नहीं बेचे जाएंगे। फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने कहा, "हाल में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ पेरिस में द्विपक्षीय बैठक के दौरान इन बिंदुओं को उठाया गया था। मैं आपसे कह सकता हूं कि फ्रांस, पाकिस्तान को सिर्फ उन्हीं उपकरणों को बेच रहा है, जिनका इस्तेमाल आतंकवाद से मुकाबले में इलेक्ट्रॉनिक अवरोध के लिए किया जा सकता है। भारी सैन्य उपकरण नहीं बेचे जा रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से आए भारी उपकरणों के हर अनुरोध को हमने अस्वीकार कर दिया है।"

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