किरण बेदी और ओम पूरी को जेल हो सकता है. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 30 अगस्त 2011

किरण बेदी और ओम पूरी को जेल हो सकता है.


रामलीला मैदान स्थित अन्‍ना हजारे के मंच से नेताओं पर की गई कथित 'आपत्तिजनक' टिप्‍पणी के मामले में अभिनेता ओम पुरी और हजारे की सहयोगी किरण बेदी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इनके खिलाफ संसद के दोनों सदनों के सदस्‍यों ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। अगर संसद में दोनों के खिलाफ प्रस्‍ताव पारित हुआ और उन्‍हें अवमानना का दोषी पाया गया तो नियम के मुताबिक 15 दिन जेल की सजा भी हो सकती है।

ओम पुरी ने नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए माफी मांगी और कहा कि अगर उन्हें समन भेजा जाता है तो वह सांसदों के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं। 61 साल के बॉलीवुड कलाकार ने कहा, 'मुझे इसकी जानकारी मीडिया से मिली। मुझे अभी तक नोटिस का इंतजार है। मैं संविधान और संसदीय प्रणाली में यकीन रखता हूं। अगर मुझे बुलाया गया तो मैं उनके सामने जाऊंगा और सफाई दूंगा।' पुरी ने कहा कि नेताओं को ‘नालायक’ और ‘गंवार’ कहने पर उन्‍हें अफसोस है। वह बोले, 'उस वक्त मैं काफी भावुक हो गया था। मुझे इस बात का खेद है कि मैंने कुछ अपशब्द कहे, जिससे कुछ लोगों की भावनाओं को चोट पहुंची। मुझे लगता है कि मैं सड़क चलते आदमी की तरह बोला।' उन्‍होंने इस बात से इनकार किया कि उस वक्‍त उन्‍होंने शराब पी रखी थी। पुरी को रामलीला मैदान में मंच से अन्‍ना के एक सहयोगी ने पकड़ कर उतारा था। इस पर उन्होंने सफाई दी कि पुरानी सर्जरी के चलते उन्हें सीढ़ियों पर चलते हुए सहारे की जरूरत होती है। 

ओम पुरी ने तो अपनी टिप्‍पणी के लिए माफी मांग ली है, लेकिन किरण बेदी ने नेताओं पर की गई अपनी टिप्‍पणी को जायज ठहराते हुए कहा कि उनकी इस टिप्‍पणी से ही जनलोकपाल का मसला सुलझा है (पूरी खबर रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें)। गौरतलब है कि किरण बेदी ने बीते शुक्रवार को रामलीला मैदान में अपने सिर पर कपड़ा रखकर सांसदों की नकल उतारते हुए कहा था कि वे आगे देखते हैं, पीछे देखते हैं, ऊपर देखते हैं, नीचे देखते हैं। उनकी इस हरकत के कुछ देर बाद ही मंच पर ओम पुरी आए थे और उन्‍होंने कथित रूप से सांसदों को नालायक, अनपढ़-गंवार कहा था। 

माफी मांग लेने के बावजूद ओम पुरी के खिलाफ कई सांसदों ने सोमवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। लेकिन फिल्‍म अभिनेता अनुपम खेर खुले आम पुरी के समर्थन में आ गए हैं। उन्‍होंने सोशल साइट ट्वि‍टर पर लिखा, 'मैं ओमपुरी के साथ हूं। उन्‍होंने सार्वजनिक तौर पर उसी बात को कहा है जो करोड़ों घरों में हर रोज कही जाती है।' 

लोकसभा स्‍पीकर मीरा कुमार ने सोमवार को कहा कि सांसद पीएम पुनिया, जगदंबिका पाल, रमाशंकर राजभर, लाल चंद कटारिया, मिर्जा असलम बेग, प्रवीण ऐरन और शैलेन्‍द्र कुमार की ओर से भेजे गए नोटिस उन्‍हें मिले हैं। बेदी और पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है।

सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा और बसपा के सदस्‍य सांसदों के खिलाफ टिप्‍पणी को गंभीर मसला बताते हुए इस पर स्‍पीकर की राय मांगने लगे। सपा के शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि उन्‍होंने विशेषाधिकार हनन का नोटिस 27 अगस्‍त को ही दिया था और इस मामले पर तत्‍काल विचार किया जाए। बसपा के सदस्‍य भी सपा सांसदों के समर्थन में आ गए और सदन में हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा अध्‍यक्ष ने कहा उनके पास करीब दजर्न भर नोटिस आए हैं और वह इस मुद्दे पर विचार कर रही हैं।

राज्‍यसभा में सपा सांसद राम गोपाल यादव और निर्दलीय सांसद मोहम्‍मद अदीब ने सांसदों पर टिप्‍पणी करने पर बेदी और पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्‍ताव पेश किया। राज्‍यसभा में शून्‍यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए यादव ने कहा कि ओम पुरी ने अन्‍ना हजारे के मंच से सांसदों को ‘चोर’ और ‘नालायक’ कहा है। उन्‍होंने कहा कि अभिनेता की ओर से की गई इस तरह की टिप्‍पणी सांसदों के विशेषाधिकार का हनन है। सदन के उपसभापति के रहमान खान ने सदस्‍यों को आश्‍वासन दिया कि सांसदों की ओर से दिए गए नोटिस सभापति के विचारार्थ हैं। सभी पार्टियों के सदस्‍यों ने मेजें थपथपाईं और यादव ने इस बीच नोटिस को विशेषाधिकार समिति को रिफर किए जाने का अनुरोध किया। 

संसद में विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को अन्य प्रस्तावों और संसद के सामान्य कामकाज पर तरजीह दी जाती है। इस तरह के प्रस्ताव में आम तौर पर बहस की गुंजाइश नहीं होती है। इस प्रस्ताव के तहत सदन का सदस्य नोटिस देकर अध्यक्ष की अनुमति से विशेषाधिकार हनन का मामला उठा सकता है। अगर स्पीकर को लगता है कि सदस्य द्वारा उठाया गया मुद्दा गंभीर है तो वह इसे स्वीकार कर लेता है। नोटिस को मंजूर किए जाने के बाद स्पीकर इस पर सदन में बहस करा सकता है या फिर इसे विशेषाधिकार समिति को भेज सकता है। विशेषाधिकार समिति जरूरत समझने पर मामले से संबंधित व्यक्ति को तलब कर सकती है और दोष साबित होने पर सज़ा भी सुना सकती है।

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