एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में गुजरात की राज्यपाल कमला ने राज्य की नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को दरकिनार कर अवकाशप्राप्त न्यायाधीश आरए मेहता को राज्य का लोकायुक्त नियुक्त कर दिया। राज्य में यह पद पिछले सात साल से रिक्त था।
लोकायुक्त मामले को लेकर कांग्रेस विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में राज्यपाल से मिलने गये गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि राज्यपाल कमला ने अवकाशप्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर ए मेहता को गुरुवार देर रात लोकायुक्त नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति मेहता के नाम की सिफारिश गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय ने राज्य सरकार से की थी, लेकिन उसने अब तक उनकी नियुक्ति नहीं की है।
गोहिल ने बताया कि राज्यपाल ने राज्य सरकार को दरकिनार कर लोकायुक्त की नियुक्ति कानूनी विशेषज्ञों से गहन विचार विमर्श के बाद की है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उनसे कहा है कि पिछले सात साल से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करना गंभीर मामला है, क्योंकि उसके बिना सरकार के कामकाज पर नजर रखने के लिये कोई प्राधिकार ही नहीं था। गोहिल ने कहा कि गुजरात के लोकायुक्त कानून के नियम तीन के अनुसार गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता से विचार कर लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के लिये किसी नाम की सिफारिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति में गुजरात सरकार की कोई भूमिका नहीं होती। गोहिल ने कहा कि मोदी ने जब जन लोकपाल विधेयक के लिये अन्ना हजारे के आंदोलन का समर्थन किया है, तब गुजरात में सात साल से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं करना, उनकी तरफ से गंभीर चूक है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें