गुजरात हाई कोर्ट ने पूर्व गृह मंत्री हरेन पंड्या की हत्या के सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है. गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री हरेन पंड्या की हत्या के मामले में सभी बारह आरोपियों को बरी कर दिया है.
हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सोमवार को फ़ैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी यानी सीबीआई इस मामले में कोई पुख़्ता सबूत पेश नहीं कर सकी.
मामले के मुख्य आरोपी अली असगर को भी कोर्ट ने बरी कर दिया. निचली अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और नौ अन्य आरोपियों को भी कैद की सजा दी थी. हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई की भूमिका पर भी सवाल उठाए. हाई कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने पूरे मामले को उलझा कर रख दिया जिसका नतीजा कुछ भी नहीं है.
हरेन पंड्या की हत्या 26 मार्च 2003 में हुई थी. वह सुबह के सैर सपाटे के बाद वापस घर लौटने के लिए जैसे ही अपनी कार में सवाल में हुए मोटरसाइकल सवार हमलावरों ने गोलियों की बौछार कर दी. उन्हें पांच गोलियां लगी और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया. आरोपियों के वकील डीएन गुप्ता ने कहा कि उन्होंने जो भी बिंदुएँ उठाईं थीं उसे कोर्ट ने स्वीकार किया, हालांकि उन्होंने बताया कि अभी फ़ैसले की कॉपी नहीं मिली है. डीएन गुप्ता ने कहा, "हत्या हुई इससे कोई इनकार नहीं कर सकता लेकिन जिन्हें आरोपी बनाया गया वो सही में कातिल थे कि नहीं कोर्ट ये तय करता है."
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें