जन लोकपाल बिल के पीछे भाजपा और संघ. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 5 सितंबर 2011

जन लोकपाल बिल के पीछे भाजपा और संघ.


कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता अन्‍ना हजारे के बीच शब्‍दों के वाण चलने फिर से शुरू हो गए हैं। अरविंद केजरीवाल पर की गई टिप्‍पणी को लेकर अन्‍ना हजारे ने दिग्विजय सिंह पर आज फिर पलटवार किया।

अन्‍ना ने एक बार फिर दिग्विजय को उनके बयानों को लेकर ‘पागलखाने’ भेजे जाने की सलाह दी है। अन्‍ना ने केजरीवाल की तारीफ करते हुए उन्‍हें अच्‍छा इंसान करार दिया। अन्‍ना के बयान पर दिग्विजय ने निशाना साधते हुए कहा कि अन्ना को अपनी भाषा का ध्यान रखना चाहिए और नेताओं के साथ उन्‍हें तमीज से पेश आना चाहिए।

हालांकि कांग्रेस के महासचिव और पार्टी के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने अन्ना हजारे को सामाजिक कार्यकर्ता तो बाबा रामदेव को एक ठग करार दिया। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल के पीछे भाजपा और संघ है, जिसे केंद्र सरकार स्वीकार नहीं करेगा। रविवार को दलित समाज की रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि ज्यादातर भ्रष्टाचार राज्य सरकारों की प्रतिबद्धता में कमी का नतीजा है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार और राज्यों में सरकारें ही देश में भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार है। भाजपा शासित राज्यों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। इन राज्यों में लोकायुक्त उचित ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी भ्रष्ट लोग अब भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं।

टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आयकर विभाग की ओर से जारी वसूली नोटिस पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल को विभागीय कायदे-कानूनों के आधार पर बकाया जमा करना होगा। केंद्र सरकार उनके खिलाफ नहीं है। यदि ऐसा होता तो रामलीला मैदान में अनशन की अनुमति नहीं दी जाती।

कोई टिप्पणी नहीं: