कलकत्ता हाईकोर्ट के जज रहे सौमित्र सेन के ख़िलाफ़ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव नहीं आएगा. कलकत्ता हाई कोर्ट के जज रहे सौमित्र सेन पर लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा. ऐसा उनके इस्तीफ़ा देने के बाद हुआ है. पहले कहा जा रहा था कि राज्यसभा ने महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया है, इसलिए लोकसभा में भी आगे की कार्यवाही होगी.
एटर्नी जनरल गुलाम वाहनवती ने भी अपनी सलाह में कहा था कि संसदीय प्रक्रिया को बीच में ही नहीं रोका जा सकता, इसलिए लोकसभा महाभियोग प्रस्ताव पारित कर सकती है. सौमित्र सेन ने इसी बीच हस्तलिखित इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को भेज दिया और उसके बाद सोमवार को तय हुआ कि अब इस मामले का पटाक्षेप कर दिया जाए. जस्टिस सेन ने कहा था , ‘मैंने लोकसभा में नहीं जाने का फैसला किया है और उसके बदले अपना इस्तीफा दे दिया है.’सेन को पांच सितंबर को लोकसभा के समक्ष उपस्थित होना था. उन्होंने कहा, मैंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को और इसकी एक प्रति लोकसभा अध्यक्ष को भेज दी है.
उनके वकील सुभाष भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में न्यायमूर्ति सेन ने कहा है कि चूंकि राज्यसभा ने अपनी बुद्धिमत्ता से फैसला किया है कि उन्हें न्यायाधीश नहीं बने रहना चाहिए इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं और वह आम नागरिक की तरह जीना चाहते हैं. न्यायमूर्ति सेन को 1983 के एक मामले में 33.23 लाख रुपए के हेरा-फेरी के आरोप में दोषी ठहराया गया था.

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें