केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने लोकसभा में कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट परिसर में हुए आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हुई और 47 लोग घायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ घायलों को एम्स में भेजा गया है। गृहमंत्री ने कहा कि हमले की तह तक जाएंगे और एनआईए व एनएसजी की टीम मौके पर पहुंची हुई है। उन्होंने बताया कि जुलाई में कुछ खुफिया जानकारी मिली थी, हाई अलर्ट के बावजूद यह हमला हुआ। उन्होंने बताया कि आम तौर पर जब संसद सत्र चलता है तो दिल्ली हाई अलर्ट पर रहती है।
भाजपा के वरिष्ट नेता लालकृष्ण आडवाणी ने हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो आश्वासन दिया है उस पर खरी उतरेगी।
इससे पहले सदन की बैठक बुधवार को शुरू होते ही अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन को इस दुखद घटना की जानकारी दी और उम्मीद जतायी कि सरकार जल्द से जल्द इस पर बयान देगी।
संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने घटना पर गहरी संवेदना जाहिर करने के साथ ही इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि न केवल सदन बल्कि पूरे देश को इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ ही देर पहले इस घटना की जानकारी मिली है और सरकार तथ्य जुटाकर सदन को सूचित करेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अध्यक्ष के विचारों से खुद को संबद्ध करते हुए कहा कि जब तक गृह मंत्री इस घटना पर बयान नहीं दे देते हैं तब तक सदन की बैठक स्थगित की जानी चाहिए। सपा नेता मुलायम सिंह ने भी आडवाणी की बात से सहमति जतायी और कहा कि विदेशी देश में आते हैं और इस प्रकार की गतिविधियों को अंजाम देकर चले जाते हैं। उन्होंने गृह मंत्री के बयान तक बैठक स्थगित किए जाने की मांग की।
जनता दल यू नेता शरद यादव ने कहा कि यह बेहद बेचैन करने वाली घटना है। माकपा नेता बासुदेव आचार्य ने इसे व्यथित करने वाली घटना बताया और कहा कि पूरा देश चिंतित है। बसपा के दारासिंह, शिवसेना के अनंत गीते, द्रमुक के टी.के. ईलानगोवन, अन्नाद्रमुक के एम. थम्बीदुरई और अकाली दल की हरसिमरत कौर ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए सदन की बैठक को गृह मंत्री के बयान तक स्थगित किए जाने की मांग की। इसी बीच बंसल ने सदन को सूचित किया कि गृह मंत्री सदन में साढ़े 12 बजे बयान देंगे।

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