पेट्रोल के बाद अब रसोई गैस की बारी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

पेट्रोल के बाद अब रसोई गैस की बारी.

पेट्रोल के बाद अब एलपीजी की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। एलपीजी की सीमित सप्लाई के प्रस्ताव पर शुक्रवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के नेतृत्व वाली ईजीओएम की बैठक होने वाली है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार सब्सिडी पर प्रति परिवार सालाना चार से छह सिलेंडर देने पर विचार कर रही है। इससे अधिक सिलेंडर लेने वालों को सब्सिडी नहीं देने की योजना है। सब्सिडी खत्म करने के बाद सिलेंडर की कीमत 666 रुपए हो जाएगी। तेल कंपनियों को एलपीजी पर प्रति सिलेंडर 267 रुपये का नुकसान हो रहा है। इससे पहले तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में बृहस्पतिवार को एक बार फिर 3.14 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी कर दी। बढ़ी हुई दरें आधी रात से लागू हो गईं। प्रमुख सरकारी तेल कंपनी इंडियन आयल ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से उसे दाम बढ़ाने का निर्णय लेना पड़ा है।

डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने के कारण आयात महंगा पड़ रहा है। तेल कंपनियों के मुताबिक पेट्रोल की बिक्री पर प्रति लीटर 2.61 रुपये या प्रतिदिन 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। वैट या बिक्री कर को जोड़ने के बाद कीमतों को अंतरराष्ट्रीय भाव के अनुरूप लाने के लिए 3.14 रुपये की वृद्धि करनी पड़ी। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 66 रुपये 84 पैसे हो गई है। इससे पहले पेट्रोल का दाम 63.70 रुपये प्रति लीटर था, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 103 डॉलर प्रति बैरल के अनुरूप था। लेकिन बृहस्पतिवार को कच्चे तेल की कीमत 110-111 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। इसके साथ ही रुपये की विनिमय दर डॉलर की तुलना में कमजोर पड़कर दो साल के निचले स्तर पर चली गई है।

तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में 3.14 रुपये से लेकर 3.32 रुपये तक की वृद्धि की है। जनवरी से अब तक पेट्रोल 8.47 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। 16 जनवरी को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 58.37 रुपये प्रति लीटर थी जो कि अब बढ़कर 66.84 रुपये हो गई है। जबकि पिछले एक साल में पेट्रोल के दाम 15.28 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं। अधिकारियों के मुताबिक तेल कंपनियों को डीजल, एलपीजी और केरोसिन पर प्रतिदिन 263 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। डीजल पर 6.05 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है जबकि केरोसिन पर प्रति लीटर 23.25 रुपये का घाटा सहना पड़ रहा है। एलपीजी पर उन्हें प्रति सिलेंडर 267 रुपये का नुकसान हो रहा है।

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