पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी का अंतिम संस्कार गुड़गांव (हरियाणा) जिले के पटौदी गांव में हो गया है। पटौदी गांव स्थित मंसूर अली के महल परिसर में पूर्व क्रिकेटर को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। इस मौके पर 'टाइगर' की अंतिम झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हजारों लोगों ने नम आंखों से मंसूर अली खान का विदाई दी। मंसूर अली को पटौदी महज परिसर स्थित कब्रगाह में दफना दिया गया। यहां पहले से ही उनके दादा-दादी और पिता की कब्र है। छोटे नवाब के शव पर मिट्टी डालने वालों का तांता लग गया। बॉलीवुड और क्रिकेट की कई हस्तियों के यहां जुटने से पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने में दिक्कत आ रही थी। इस दौरान हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
इससे पहले नवाब अली का शव अभी पटौदी महल में लोगों के दर्शनार्थ रखा गया। यहां नवाब अली के रिश्तेदारों, स्थानीय लोगों और कई नामचीन हस्तियों का तांता लग गया। पूर्व क्रिकेटर कपिलदेव, फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली, शबाना आजमी, जावेद अख्तर, अमृता अरोड़ा, मलाइका अरोड़ा खान, करिश्मा कपूर और बबीता कपूर भी पटौदी गांव पहुंचे। पटौदी का पार्थिव शरीर आज तड़के अस्पताल से दिल्ली के वसंत विहार स्थित निवास पर लाया गया। जब पटौदी का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा था तो उस वक्त पटौदी की पत्नी और गुजरे जमाने की बॉलीवुड नायिका शर्मिला टैगोर, उनके बेटे और बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान, करीना कपूर, सैफ की बहन सोहा अली खान सहित कई नामचीन हस्तियां मौजूद थीं।
पटौदी को श्रद्धांजलि देने वाली हस्तियों में पाकिस्तान उच्चायुक्त शाहिद मलिक और उनकी पत्नी, पूर्व क्रिकेटर कपिल देव और अजय जडेजा, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के चीफ आईएस बिंद्रा के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और भाजपा नेता अरुण जेटली भी शामिल हैं।
पटौदी ने गुरुवार देर शाम आखिरी सांस ली थी। 70 वर्षीय पटौदी को फेफड़े में गंभीर संक्रमण के बाद अगस्त में अस्पताल में दाखिल कराया गया था। कई दिनों से सर गंगाराम अस्पताल के आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था। उनके दोनों फेफड़ों में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रहा था। मशीन के जरिए उन्हें ऑक्सीजन दी जा रही थी। लेकिन गुरुवार शाम करीब छह बजे उनका निधन हो गया।
पटौदी का जन्म 1941 में भोपाल में हुआ था। उन्होंने देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल में पढ़ाई की थी। एक हादसे में उनकी दाहिनी आंखी की रोशनी चली गई थी। पटौदी 21 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने थे। वह भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे युवा कप्तान थे। उनके निधन के साथ ही क्रिकेट के एक युग का अंत हो गया है।
भारत के लिए 46 टेस्ट खेल चुके पटौदी सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे। पटौदी ने 34.91 की औसत से 2793 रन बनाए। उनका सर्वाधिक स्कोर 203 रन (नाबाद) का था। उन्होंने 40 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की थी। उन्हीं की कप्तानी में भारत ने टेस्ट मैच में विदेश में पहली सीरीज (न्यूजीलैंड के खिलाफ) जीती थी।
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