सीबीआई की विशेष अदालत ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री और खनन उद्योगपति जनार्दन रेड्डी की ज़मानत याचिका रद्द कर दी है. उन्हें 19 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. ताकि जाँच एजेंसी उनसे पूछताछ कर सके. जर्नादन रेड्डी पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं.
सुनवाई के दौरान जज वी नागमूर्ति ने चंचलगुड़ा जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तुरंत जर्नादन रेड्डी और श्रीनिवास रेड्डी को सीबीआई के हवाले कर दें ताकि उनसे पूछताछ की जा सके. सीबीआई ने 15 दिनों के लिए इन दोनों की हिरासत मांगी थी. पाँच सितंबर को दोनों को गिरफ़्तार किया गया था. दोनों के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी, खनन और जंगल क़ानून के उल्लंघन का केस दाख़िल किया है.
कर्नाटक में खनन क्षेत्र के बेताज बादशाह माने जानेवाले जनार्दन रेड्डी का नाम जुलाई में सरकार को सौंपी गई लोकायुक्त की रिपोर्ट मे भी शामिल है. रिपोर्ट में उन पर ग़ैर क़ानूनी खनन का आरोप है. आरोप है कि रेड्डी बंधुओं की मालिकाना कंपनी में बहुत तरह की गड़बड़ियां हैं. भ्रष्टाचार के आरोपों के दबाव में येदियुरप्पा के मुख्य मंत्री पद से हटने के बाद रेड्डी बंधुओं को भी राज्य की नई सरकार में शामिल नहीं किया गया था.

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