प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संयुक्त राष्ट्र के 66वें अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को अमेरिका पहुंच गए। उनके इस 6 दिवसीय दौरे में उनके साथ विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और उनके मुख्य सचिव टीकेए नायर के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन और विदेश सचिव रंजन मथई भी गए हैं। इस अधिवेशन में मनमोहन सिंह आतंकवाद और अर्थव्यवस्था पर मुख्य रूप से चर्चा कर सकते हैं। भारत 19 साल के बाद संयुक्त राष्ट्र का अस्थाई सदस्य बना है। भारत इसके स्थाई सदस्य बनने की ओर भी कदम बढ़ा सकता है।
मनमोहन सिंह इस दौरान 6 दिन के लिए अमेरिका में रहेंगे। जिसके बावजूद भी उनका अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने का प्रोग्राम नहीं है। अपने इस दौरे पर वे इरान, साउथ सूडान और श्रीलंका के राष्ट्रपतियों और जापान व नेपाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। इन सभी से मिलकर वे एशिया में शांति बहाली और व्यापार के बढ़ावे पर चर्चा कर सकते हैं। इसके अलावा आतंकवाद में सहयोग पर भी बात हो सकती है।
मनमोहन सिंह शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। न्यूयॉर्क जाने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के इस अधिवेशन के समय पूरा विश्व आतंकवाद और आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में इन सभी मुद्दों पर चर्चा होना जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पश्चिमी एशिया, उत्तरी अफ्रीका और गल्फ देशों में शांति बहाली के मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में संयुक्त राष्ट्र इन सभी मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें