बहुजन समाज पार्टी ने सांसद धनन्जय सिंह को पार्टी से निलम्बित कर दिया। बसपा ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। आरोप है कि उन्होंने नोट के बदले वोट मामले में फंसे सांसद अमर सिंह के पक्ष में बयान दिया। निलम्बन पर मायावती ने सख्त लहजे में कहा कि श्री सिंह को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल न होने दिया जाए।
पार्टी ने हालांकि उनके निलम्बन का कारण अनुशासनहीनता बताया है, लेकिन उनके विरोधियों का कहना है कि आपराधिक व दबंग नेता की छवि वाले सांसद पर कई अन्य आरोप भी हैं। गौरतलब है कि जौनपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद धनन्जय सिंहह के पिता और रारी सीट से विधायक राजदेव सिंह का विधानसभा का टिकट भी पार्टी ने हाल ही में काट दिया था। ऐसे में कहा जा रहा है कि बसपा धनंजय सिंह से किनारा कर रही है।
डिप्टी सीएमओ की जेल में हुई मौत के मामले में भी उनका उछला था फिलहाल न तो पुलिस अधिकारियों ने उनके नाम की पुष्टि की और न ही बसपा की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया दर्ज करायी। लेकिन जिस प्रकार बसपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री मायावती धनंजय से दूर हो रही हैं उससे संकेत मिल रहा है कि आने वाले दिन श्री सिंह के लिए बेहतर नहीं है।
सुश्री मायावती ने उनके निलंम्बन के साथ ही कहा है कि इन्हें पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में न बुलाया जाये और न ही सम्मिलित होने दिया जाये। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के अनुसार श्री सिंह अपने क्षेत्र में जनता से कटे-कटे रहते हैं और पार्टी के कामों में भी खास रूचि नहीं नहीं दिखाते। इसीलिए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित किया गया है। गौरतलब है कि सुश्री मायावती ने कल विधायक अशोक सिंह चंदेल को भी पार्टी की सदस्यता से निलम्बित कर दिया था। विधान सभा चुनाव नजदीक आता देख बसपा जिस प्रकार अपने विधायकों, सांसदों व पदाधिकारियों को लेकर सख्त हो रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी जनता के बीच अपनी बिगड़ती छवि को बचाने की फिराक में है।

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