भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी रथयात्रा के लिए समर्थन मांगने बीजेपी के वरिष्ट नेता लाल कृष्ण आडवाणी आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिले मुख्यालय नागपुर पहुंचे। संसद के मानसून सत्र के दौरान लाल कृष्ण आडवाणी ने सरकार को चुनौती देने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ रथयात्रा निकालने का ऐलान कर दिया था। जिस पर संघ ने अपनी नाराजगी जताई थी। अब 2014 में होने वाले लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री की दावेदारी पर भी संघ और आडवाणी में तनातनी शुरू हो गई है। संघ ने आडवाणी से यह साफ करने के लिए कहा है कि वे पीएम की दावेदारी नहीं पेश करेंगे। लेकिन आडवाणी ने इस पर अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है। जिससे संघ खफा है।
आडवाणी अपनी रथयात्रा 11 अक्टूबर से शुरू करने वाले हैं। यह यात्रा जयप्रकाश नारयण के जन्म के दिन शुरू होगी। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि वे अपनी रथयात्रा कहां से शुरू करेंगे। वैसे उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी यात्रा गुजरात या फिर बिहार से शुरू कर सकते हैं। इस बार वे अपनी यात्रा का रूख पूर्वोत्तर राज्यों की तरफ करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी में प्रधानमंत्री की दावेदारी को लेकर भी अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। संघ चाहता है कि यह जिम्मेदारी युवा नेतृत्व को सौंपी जाए। संघ ने इतना इशारा तो दे दिया है कि वे लालकृष्ण आडवाण्ी को यह जिम्मेदारी देने के पक्ष में नहीं है। आडवाणी पीएम की अपनी दावेदारी से इंकार नहीं कर रहे हैं। अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए ही उन्होंने रथयात्रा की घोषणा की थी। संघ उनकी रथयात्रा से पहले ही यह साफ कर लेना चाहती है कि वे अब पीए की अपनी दावेदारी पेश नहीं करेंगे।

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