गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोहरा वार हुआ है। एक तरफ उनके खिलाफ गुजरात दंगों में भूमिका को लेकर सनसनीखेज आरोप लगाने वाले आईपीएस अफसर संजीव भट्ट ने एक बार फिर उन्हें निशाने पर लिया है, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने भी मोदी के उपवास का जवाब उन्हीं के अंदाज में देने का ऐलान किया है।
भट्ट ने मोदी को खुला पत्र लिखते हुए कहा है कि सीएम और उनकी पार्टी बीजेपी ने हाल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मामले में ‘पूरी तरह अर्थ का अनर्थ किया है।’ भट्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी भी सूरत में नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट नहीं देता और किसी मायने में यह नहीं कहता कि उनके खिलाफ जाकिया जाफरी की शिकायत 'गैर-तथ्यात्मक' है। संजीव भट्ट ने लिखा है, 'बीजेपी या उसके नेता नरेंद्र मोदी के प्रचार के विपरीत यह फैसला गुजरात दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है।'
बीते अप्रैल में संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा था कि 27 फरवरी 2002 को वह एक बैठक में शामिल थे जिसमें सीएम मोदी ने वहां मौजूद पुलिस अफसरों से कहा था कि वो दंगाइयों को नजरअंदाज करें और दंगों का शिकार हो रहे लोगों की शिकायतों को भी नजरअंदाज करे।
उधर, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार से तीन दिनों का उपवास करने की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता शंकरसिंह वाघेला ने भी साबरमती आश्रम में उसी दिन से तीन दिनों का उपवास रखने का ऐलान कर दिया है। मोदी ने घोषणा की थी कि वह अपने 61वें जन्मदिवस (17 सितंबर) पर 'शांति, एकता एवं सामाजिक सद्भाव' के लिए तीन दिनों का उपवास करेंगे।
मोदी के उपवास के जवाब में संजीव भट्ट ने लिखा है, 'छह करोड़ गुजरातियों में से मैं भी एक हूं और मैं तब खुद को बेहद ठगा हुआ महसूस करता हूं जब आप जैसे लोग अपने निहित स्वार्थों के लिए गुजरात के लोगों को बहकाने का काम करते हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगे मामले में जाकिया जाफरी की ओर से दायर याचिका पर मोदी को राहत दी है। न्यायालय के इस फैसले के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में निर्णय निचली अदालत करेगी।

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