बिहार के अप्रवासी गैर बिहारी और बिहार के साथ केंद्र की दलाल मीडिया का नीतीश के बारे में सुशासन प्रचार का खामियाजा नालंदा कि महिला और बच्चों ने भोगा. नीतीश का अपने पुलिस और प्रशासन के माध्यम से जारी रंगदारी ने सिर्फ सुशासन ही नहीं बल्कि बिहार कि कानून व्यवस्था की पोल भी खोली जहाँ अब बिहारी को गुंडे और दबंग से नहीं बल्कि नीतीश और नीतीश के प्रशासनिक रंगदारो से सुशासन का नया रूप भोगने को मिल रहा है । बिहार के नालंदा जिले में नूरसराय थाने के आसपास बुधवार शाम पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) को मामले की जांच करने का आदेश दिया है।
नालंदा के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र राणा ने गुरुवार को बताया कि प्रथम दृष्टया मामले में दोषी पाए गए दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है । पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार नूरसराय थाना के चंडासी गांव निवासी रामबालक कुमार की पत्नी सुषमा उर्फ रीना पिछले 25 अगस्त से लापता है। ग्रामीणों का कहना है कि रीना की हत्या कर शव को गायब कर दिया गया है। पीड़ित परिवार पुलिस के असहयोगात्मक रवैये के बाद पिछले दिनों मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाकर गुहार लगाई थी।
मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच पटना के क्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआइजी) विनीत विनायक को करने का निर्देश दिया था। बुधवार शाम को विनायक नूरसराय थाने पहुंचकर लोगों से बात ही कर रहे थे कि कुछ लोगों ने थाने में पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस को पथराव कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने महिलाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। लाठीचार्ज में एक दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गए। मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) राज्यवद्र्घन शर्मा को सौंप दिया है।

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