देश-विदेश से चंदा ले कर आंदोलन की राह पकड़ लेनेवाले गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर शिकंजा कसने की तैयारी सरकार ने कर ली है। केंद्र सरकार ने विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) में संशोधन करके राजनीतिक प्रवृत्ति के संगठनों के विदेशों से पैसा लेने पर रोक लगा दी है। अन्ना हजारे व बाबा रामदेव के जनांदोलन से तमतमाई सरकार के इस फैसले पर हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा व संजीव खन्ना की पीठ ने राजनीतिक गतिविधियों में सलंग्न स्वयंसेवी संगठनों को विदेशों से चंदा लेने पर रोक लगाने के नए कानून को सही ठहराया है। पीठ ने सरकार द्वारा विदेशी सहायता नियंत्रण कानून में किए गए संशोधन के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला दिया है। कानून में संशोधन के पहले सरकार सिर्फ ऐसे संगठनों की विदेशी सहायता पर निगरानी रख सकती थी। लेकिन इस साल सरकार ने कानून में संशोधन कर अब विदेशी सहायता लेने पर ही रोक लगाने का प्रावधान कर दिया है।
हाईकोर्ट ने सामजिक सरोकार के लिए ही सही, लेकिन समाजिक संगठनों द्वारा जेलभरो आंदोलन, धरना-प्रदर्शन आदि को राजनीतिक प्रवृति के दायरे में लाने वाले कानून के इस प्रावधान को सही ठहराया है। साथ ही नियमों के दुरुपयोग को रोकने का जिम्मा सरकार पर छोड़ दिया है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें