बिहार के नालंदा जिले के नूरसराय थाना क्षेत्र में बुधवार को महिलाओं सहित अन्य ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के मामले में प्रारम्भिक कार्रवाई करते हुए नूरसराय थाने के थाना प्रभारी सहित सभी 40 पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है।
राज्य के एडीजीपी राज्यवर्धन शर्मा ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार को वह खुद मामले की जांच के लिए नालंदा गए थे। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक कार्रवाई के तहत थाना प्रभारी ए.के. सिंह सहित 24 सिपाहियों, 10 होमगार्ड्स और छह पुलिस पदाधिकारियों को लाइन हाजिर किया गया है।
शर्मा ने बताया कि चंडासी गांव के रामबालक प्रसाद की पत्नी सुषमा देवी उर्फ रीना के लापता होने के मामले में भी एक जांच टीम का गठन किया गया है, जिसमें नूरसराय के किसी पुलिस पदाधिकारी को नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस जांच टीम की रिपोर्ट के आने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी। चंडासी गांव निवासी रामबालक कुमार की पत्नी सुषमा उर्फ रीना पिछले 25 अगस्त से लापता है। ग्रामीणों का कहना है कि रीना की हत्या कर शव को गायब कर दिया गया है। इस मामले की जांच करने के लिए पटना के क्षेत्रीय पुलिस डीआइजी विनीत विनायक बुधवार को नूरसराय थाने पहुंचे थे तब कुछ लोगों ने थाने में पत्थरबाजी की थी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था, जिसमें कई महिलाओं सहित एक दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।

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