मुंबई एयरपोर्ट पर हमले की आशंका से जुड़ी खुफिया चेतावनी के बाद महाराष्ट्र के सभी हवाई अड्डों की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर मुंबई में तीन जगहों पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें भी तैनात की गई हैं। भारतीय वायु सेना और नौसेना के साथ साथ तटरक्षक बल को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
आईबी की चेतावनी में कहा गया है कि मुंबई एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का खतरा है। ऐसी आशंका है कि इस हमले के लिए छोटे विमानों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए छोटे विमानों को किराए पर देने के मामले में सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।
मुंबई, पुणे सहित मध्य प्रदेश के किसी एयरपोर्ट पर छोटे विमान से हमले की चेतावनी के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आपात स्थिति से निपटने के लिए एंटी हाईजैकिंग यूनिट, क्विक रिएक्शन टीम एवं कमांडोज को चौबीसों घंटे एयरपोर्ट पर तैनात रहने के लिए कहा गया है। इसके अतिरिक्त, प्रोफाइलिंग टीम की सक्रियता बढ़ाते हुए उसे एप्रोच रोड से लेकर सिक्योरिटी होल्ड एरिया तक सादे कपडों में तैनात कर दिया गया है। सीआईएसएफ के प्रवक्ता रोहित कटियार के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट में बम ब्लास्ट के बाद देश के सभी एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ की सभी यूनिटों को नए सिरे से सुरक्षा समीक्षा कर सभी एहतियातन कदम उठाने को कहा गया है।
कम इस्तेमाल वाले छोटे एयरस्ट्रिप को लेकर भी सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। छोटे विमान से छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आतंकवादी हमले की आशंका के मद्देनजर एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि आतंकवादी छोटा विमान या हेलीकॉप्टर से देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे को निशाना बना सकते हैं। केंद्र ने सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों से छोटे विमानों और निजी हेलीकॉप्टरों की कड़ी निगरानी करने को कहा है।
खुफिया एजेंसियों की इन चेतावनी का इस वक्त खास महत्व है क्योंकि अमेरिका पर हुए भीषण आतंकवादी हमले को 10 साल हुए हैं। सुरक्षा बढ़ाने के लिए एजेंसियों को तीन दिनों में तीन अलर्ट जारी किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक आईबी की चेतावनी के मुताबिक अल कायदा ने छोटे विमानों और चार्टर विमानों से हमले की योजना बनाई है। कहा गया है कि अल कायदा पूरी दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद भी आतंकी संगठन का वजूद मिटा नहीं है और वह कुछ भी कर सकता है।

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