लोकपाल विधेयक में हुए संशोधनों को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने बुधवार को मंजूरी दे दी. यह बिल मंगलवार को लोकसभा में पास हुआ था. राष्ट्रपति ने राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पेश किये जाने को लेकर बुधवार को अपनी मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ने हैदराबाद से विधेयक को अपनी मंजूरी दी. वह वहां दस दिन के दौरे पर गई हैं.
लोकसभा ने लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक, 2011 में कुछ संशोधन किया है. ऐसे में राज्यसभा में इसे पेश करने से पहले राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि ये विधेयक बुधवार को दोपहर बाद पेश किया जा सकता है. संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि राज्यसभा में लोकपाल विधेयक बुधवार को पेश किया जाएगा. पहले खबरें आई थीं कि लोकपाल विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश नहीं होगा.
राज्यसभा में बहुमत से दूर खड़ी सरकार के लिए इसे पास कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि लोकसभा में मंगलवार को किए गए संशोधन के बाद लोकपाल विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होगी और उसके बाद उसे राज्यसभा में पेश किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अगर विधेयक को राज्यसभा में पेश किया भी जाता है तो इसमें काफी विलम्ब होगा. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को लोकसभा में सरकार और कांग्रेस लाख कोशिशों के बावजूद लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिलाने में नाकाम रही. बताया जा रहा है कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी नाराज़ हैं. वोटिंग के वक्त कांग्रेस के करीब 15 सांसद लोकसभा में मौजूद नहीं थे.
सूत्रों के अनुसार पार्टी इन सांसदों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है. कांग्रेस अपने इन सांसदों को कारण बताओ नोटिस थमाने जा रही है. क्योंकि पार्टी ने तीन पंक्ति का व्हिप जारी कर रखा था. मालूम हो कि सबसे पहले राहुल गांधी ने लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की बात कही थी. ऐसे में पार्टी ने इस मसले को अपनी साख पर सवाल बना लिया था. राहुल के बयान के बाद पार्टी के तमाम बड़े नेता समय-समय पर लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की बात कह रहे थे.
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