प्रसिद्ध गीतकार गुलजार चांदनी चौक की संकरी गलियों के बीच स्थित मिर्जा गालिब की हवेली में उनके जन्मदिन के मौके पर हरेक साल आते हैं। गुलजार ने बताया कि इन गलियों में होने वाली चहल-पहल उन्हें मशहूर उर्दू शायर के नजदीक लाता है।
गुलजार ने कहा कि गालिब की महानता के बारे में वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। उर्दू शायर के 214वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम से इतर गुलजार ने कहा कि मैं हरेक साल यहां आता हूं और मुझे इस स्थान से लगाव है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर कुछ भी नहीं बदला है। हरेक साल मैं किसी भी तरह गालिब की हवेली में आ ही जाता हूं। उन्होंने कहा कि यह मुझे गर्मजोशी से भर देता है और अपने लोगों के बीच मैं खुद को गालिब के नजदीक समझने लगता हूं। वह एक महान शायर थे और मेरे पास उनका वर्णन करने के लिए शब्द नहीं है।
इस साल गालिब के हवेली में जश्न का आकर्षण उल्लेखनीय परिवर्तन है। इंडियन काउंसिल फॉर कल्चर रिलेशन (आईसीसीआर0) ने एक प्रदर्शनी लगाई है जिसमें गालिब के जीवनकाल के स्वर्णिम समय के वास्तविक परिधान और कामों को दिखाया गया है। मंगलवार शाम इस प्रदर्शनी का दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उद्घाटन किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें