अन्ना हजारे ने सरकार के कमजोर लोकपाल बिल के विरोध में अपना तीन दिन का अनशन दूसरे दिन ही खत्म करने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने 30 दिसंबर से प्रस्तावित जेल भरो आंदोलन और सांसदों का घेराव भी रद्द करने की घोषणा की।
अन्ना ने मुंबई के MMRDA ( मरदा ) मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए इसका ऐलान किया। अन्ना हजारे ने 27 दिसंबर को अपना तीन दिन का अनशन शुरू किया था। इसी साल पहले दिल्ली के जंतर-मंतर और फिर रामलीला मैदान में हुए अनशन के दौरान अन्ना के लोकपाल आंदोलन को जितना जबर्दस्त जनसमर्थन मिला था, वह इस बार न तो दिल्ली में दिखा और न ही मुंबई में।
लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मजबूत लोकपाल बिल नहीं लाने की वजह से वह पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलाएंगे। दोपहर में अपेक्षा से काफी कम जमा लोगों के बीच में उन्होंने कहा, 'हम संसद में आज जो कुछ देख रहे हैं वह दुखद है। इसलिए मैंने आज ही उपवास तोड़ने का फैसला किया। अब एक ही रास्ता है। हम कार्यक्रम बनाएंगे और पांच राज्यों में जाकर जनजागरण करेंगे। मैं उनसे कहूंगा कि वे विश्वासघातियों को वोट न दें।' अन्ना ने कहा कि बीजेपी समेत अन्य सभी पार्टियों के मुकाबले कांग्रेस ने हमें सबसे ज्यादा धोखा दिया है।
अन्ना हजारे ने कहा, 'अब आम चुनाव होने में सिर्फ दो साल बाकी हैं। इस बीच मैं देश के विभिन्न हिस्सों में जाऊंगा और अगले चुनाव तक लोगों को जागरूक करता रहूंगा।' अन्ना ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें लोकपाल बिल पर बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस ने धोखा दिया है। एक-दो सवालों के बाद अन्ना तबियत खराब होने के कारण मंच से उठकर चले गए।
पिछली रात से ही बुखार से पीड़ित अन्ना को आज भी सौ डिग्री बुखार था। उन्हें डॉक्टरों ने चेताया कि उपवास नहीं तोड़ने पर उनकी किडनी फेल हो सकती है। इसके बाद ही उन्होंने अनशन तोड़ा। गांधीवादी नेता ने कहा कि वह इस औपचारिक अनशन के चार दिन पहले से ही उपवास पर थे। टीम अन्ना और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर सहित कई लोग उन्हें अनशन खत्म करने के लिए मना रहे थे।
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