
पिछले कुछ महीनों से बिहार के मंदिरों से मूर्तियां चोरी होने का सिलसिला जारी है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद का मानना है कि यदि यही हाल रहा तो अगले 10 वर्षों में राज्य के किसी मंदिर में अष्टधातु की मूर्ति नहीं रह पाएगी। पुलिस का कहना है कि वह कार्रवाई कर रही है, लेकिन चोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बिहार के कटिहार जिले में पिछले एक महीने के दौरान तीन मंदिरों से चोरों ने कीमती मूर्तियां चुराईं। कटिहार के मनिहारी थाना के नवाबगंज क्षेत्र से चोरों ने राधा-कृष्ण मंदिर से बुधवार रात अष्टधातु की छह कीमती मूर्तियों पर हाथ साफ किया। इनकी कीमत लाखों रुपये में आंकी जा रही है। इससे पहले बरारी थाना के गुरु बाजार स्थित राम जानकी ठाकुरबाड़ी से 12 दिसम्बर की रात वहां के पुजारी को खम्भे में बांधकर वहां स्थापित राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्ति चुरा ली गई थी। हाल ही में धनखोड़ा थाने के मां दुर्गा मंदिर से चोर मां दुर्गा की कीमती मूर्तियां चुरा ले गए थे।
नवादा जिले के चंडीपुर गांव में 17 दिसम्बर को राधाकृष्ण मंदिर से चोरों ने ताला तोड़कर राधा-कृष्ण की छोटी-बड़ी 12 मूर्तियां चुरा लीं। ये सभी मूर्तियां अष्टधातु की बताई जा रही हैं, जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये आंकी गई है। नवादा के पुलिस अधीक्षक ए.क़े सत्यार्थी के अनुसार, घटना के समय मंदिर के पुजारी दूसरे कमरे में सोए हुए थे। राजधानी के पौराणिक बांके बिहारी मंदिर से भी चोर प्राचीन अष्टधातु और पीतल की मूर्तियों सहित कई सामान ले उड़े। पटना के काजीबाग स्थित बांके बिहारी मंदिर में चोरों ने सोमवार रात इस वारदात को अंजाम दिया और श्रीकृष्ण व राधा की अष्टधातु की मूर्ति, पीतल की छोटी-बड़ी 2० प्रतिमाओं सहित चांदी की छतरी, चांदी के मुकुट, सोने के कुंडल सहित कई सामान चुरा कर फरार हो गए।
पिछले महीने समस्तीपुर के बहादुर मुहल्ले के ठाकुरबाड़ी से चोरों ने अष्टधातु के भगवान राम, लक्ष्मण और माता जानकी की मूर्तियां चुरा लीं। ये मूर्तियां 400 वर्ष पुरानी थीं, जिनमें प्रत्येक मूर्ति का वजन 50 किलोग्राम था। बक्सर जिले में पुलिस को अष्टधातु और स्वर्ण मिश्रित पीतल से बनी भगवान राम की दो मूर्तियां बरामद हुईं। इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। इनकी कीमत पांच करोड़ रुपये आंकी गई है।
मूर्ति चोरी की इन घटनाओं पर राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने कहा कि चोरों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द ही वे पुलिस की गिरफ्त में होंगे। उनके खिलाफ त्वरित सुनवाई होगी। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि इसके पीछे राज्य के बाहर के किसी गिरोह का हाथ हो सकता है।
बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि वह लगातार सरकार को पत्र लिखकर कीमती मूर्ति वाले मंदिरों में सरकारी खर्च पर चारदीवारी बनाने की मांग करते रहे हैं, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कारगर उपाय नहीं हुआ है। तस्कर वैसे मंदिरों को निशाना बनाते हैं, जहां सुरक्षा कमजोर हो और आसानी से मूर्ति चुराई जा सके। यदि मूर्तियों की चोरी का सिलसिला जारी रहा तो अगले 10 साल में बिहार के मंदिरों में एक भी अष्टधातु की प्रतिमा नहीं बचेगी।
1 टिप्पणी:
पुलिस ठीक से काम करे तो या तो चोरी होगी नहीं या फिर चोर नहीं बचेंगे.
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