कुख्यात अपराधी एवं एक लाख इनामी सजायाफ्ता अखिलेश सिंह को उत्तरप्रदेश की एसटीएफ ने नोएडा के सेक्टर ३८ स्थित द ग्रेट इंडियन मॉल से गिरफ्तार कर लिया। जमशेदपुर का कुख्यात अपराधी गिरफ्तार
अपराधियों का बड़ा गिरोह चलाने वाले अखिलेश के खिलाफ बिहार और छत्तीसगढ़ में भी दर्जनों मामले दर्ज हैं। अखिलेश को जल्द ही झारखंड लाकर पूछताछ की जाएगी। इससे हत्या, लूट, रंगदारी और अपहरण के कई मामलों का खुलासा हो पाएगा। एक वरीय पुलिस अधिकारी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
अखिलेश सिंह को जमशेदपुर के जिला न्यायाधीश आरके रवि की अदालत ने दो जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट से टाइम बेल पर छूटने के बाद वह फरार हो गया था। 12 मार्च 2002 को जमशेदपुर में जेलर उमाशंकर पांडेय की हत्या करने के बाद से वह राज्य में अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया। इसके बाद अपना बड़ा गिरोह तैयार कर लिया। उसने रंगदारी और ठेका मैनेज कर करोड़ों रुपए अर्जित किए।
अखिलेश सिंह ने यूपी तक अपने गिरोह का विस्तार कर लिया था। उसने गाजीपुर के डॉन मुख्तार अंसारी से दोस्ती गांठ ली। इसके बाद गिरोह की ताकत काफी अधिक बढ़ गई। जमशेदपुर सहित कई जिलों में उसने वारदातों को अंजाम दिया। अखिलेश गिरोह के पास भारी संख्या में हथियार भी हैं। राजधानी रांची में भी उसके संपर्क हैं।
अखिलेश की गिरफ्तारी के लिए झारखंड पुलिस पिछले आठ माह से विशेष अभियान चला रही थी। इसके लिए झारखंड के डीजीपी जीएस रथ ने यूपी के डीजीपी से संपर्क बनाए रखा था और बीच-बीच में आवश्यक जानकारी भी यूपी पुलिस को उपलब्ध कराई जाती थी। जमशेदपुर का आशीष डे हत्याकांड, जेलर उमाशंकर सिंह हत्याकांड, ओम प्रकाश काबरा अपहरण एवं हत्याकांड, पूर्व जिला न्यायाधीश आरके रवि पर जानलेवा हमला, संजय मित्तल फायरिंग कांड को अंजाम अखिलेश ने ही दी थी।
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