पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। भ्रष्टाचार के मामलों पर नजर रखने वाली पाकिस्तान की सबसे बड़ी संस्था राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) गिलानी के खिलाफ पीएम पद के दुरुपयोग का केस दर्ज करने पर विचार कर रही है। एनएबी यदि ऐसा कदम उठाता है और गिलानी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 14 साल की जेल हो सकती है।
मेमोगेट प्रकरण के बाद अपनी ही सेना से मुकाबिल पाकिस्तान की सरकार अब अदालत के निशाने पर है। राष्ट्रपति जरदारी पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज नहीं करने से खफा सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रधानमंत्री गिलानी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया। गिलानी को 19 जनवरी को अदालत में खुद आकर जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने जरदारी के खिलाफ स्विट्जरलैंड में रिश्वतखोरी के मुकदमे फिर से खोले जाने में ढिलाई को लेकर पीपीपी की अगुवाई वाली सरकार को फटकार लगाई है।
पाकिस्तानी मीडिया ने मंगलवार को गिलानी की अगुवाई वाली सरकार को चेतावनी दी कि उसे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आखिरी ‘लाइफलाइन’मिली है ताकि सरकार न्यायपालिका से टकराव खत्म करे और सैन्य तख्तापलट के हालात न बनें। पाकिस्तान के प्रमुख अखबारों में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि गिलानी जब 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होंगे तो उनसे ऐसे जवाब की उम्मीद की जाती है जिससे सरकार और न्यायपालिका के बीच ताजा टकराव को शांत करने की दिशा में कदम उठे।

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