उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले अमेठी और रायबरेली में तीन दिवसीय चुनाव प्रचार करने पहुंचीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी व पार्टी महासचिव राहुल गांधी की बहन प्रियंका वाड्रा ने खुद के सक्रिय राजनीति में आने की अटकलों को एक बार फिर खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्होंने इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रियंका ने रायबरेली में संवाददाताओं से कहा, "फिलहाल सक्रिय राजनीति में आने के बारे में मैंने कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार करती रहूंगी।"
इस दौरान प्रियंका ने कहा, "अभी मैं अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार कर रही हूं। मेरा ध्यान यहां की सभी 10 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत दिलाने पर है। मैंने राहुल को सभी 10 सीटों पर पार्टी की जीत के लिए आश्वस्त किया है।" एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "अगर भाई राहुल को मेरी जरूरत होगी तो मैं उत्तर प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करूंगी। अपने भाई की मदद के लिए तो कुछ भी करूंगी।" वर्तमान में अमेठी और रायबरेली की इन दस सीटों में से सात कांग्रेस के कब्जे में हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रियंका ने अमेठी और रायबरेली में अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार किया था। सोनिया और राहुल दोनों को भारी अंतर से जीत मिली थी।
भाई की तारीफ करते हुए प्रियंका ने कहा कि राहुल जिस तरह उत्तर प्रदेश में जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं, उससे कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में निश्चित तौर पर बड़ी सफलता मिलेगी। अपने चुनाव प्रचार के दूसरे दिन रायबरेली पहुंचीं प्रियंका ने जिले के पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक कर चुनाव में कांग्रेस को जिताने के लिए कड़ी मेहनत करने की अपील की। उन्होंने 10 विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। इससे पहले सोमवार को उन्होंने अमेठी में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को आपसी भेदभाव भुलाकर कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने की अपील की थी। रायबरेली पहुंचने पर शीना होम टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड में काम करने वाली महिलाओं के एक समूह ने प्रियंका का रास्ता रोककर करीब एक साल से अधिक समय से बंद पड़ी इस फैक्टरी को फिर से चालू करवाने की मांग की। प्रियंका ने सभी महिलाओं को आश्वासन दिया कि वह पार्टी नेताओं को कहेंगी कि फैक्टरी प्रबंधन से बात करके इसे फिर से शुरू करवाने की कोशिश करें।
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