भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की भावी रणनीति को लेकर असमंजस में घिरी टीम अन्ना की कोर कमेटी ने सोमवार को गाजियाबाद के कौशांबी स्थित अपने कार्यालय में बैठक की। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अपने गांव रालेगण सिद्धि में आराम कर रहे अन्ना बैठक में शमिल नहीं हो सके।
चिकित्सकों ने अन्ना को एक महीने तक कोई भी यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। गत माह मुंबई में अन्ना के अनशन को बीच में ही खत्म किए जाने तथा जेल भरो आंदोलन को रद्द किए जाने के फैसले के बाद यह टीम अन्ना की पहली बैठक है। टीम अन्ना के सूत्रों के अनुसार इस बैठक में टीम अन्ना के मुख्य सदस्यों में अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी समेत अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया और भविष्य की रणनीति पर मंथन किया।
बैठक में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के तरीके पर भी विचार किया। बैठक में उन्होंने आदोलन को आगे बढाने के लिहाज से जनता से मिले सुझावों पर भी बातचीत की गई। यह बैठक केजरीवाल के एक चर्चित लेख की पृष्ठभूमि में हो रही है। जिसमें उन्होंने लिखा था कि उनका आंदोलन चौराहे पर है और उन्हें आंदोलन की भावी दशा-दिशा के संबंध में लोगों से सुझाव चाहिए। उन्होंने यह भी लिखा था कि कोई भी एक गलत कदम पूरे आंदोलन के लिए घातक साबित हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि वे अपने पूर्ववर्ती अभियानों में जोर शोर से उठाए गए कांग्रेस विरोधी रूख पर भी विचार करेंगे क्योंकि उन पर भाजपा समर्थक होने के आरोप लग रहे हैं। टीम अन्ना का मानना है कि आज के समय उनके सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अन्ना हजारे पांच राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगे या नहीं। लोकपाल बिल को लेकर अन्ना और उनकी टीम ने पांच राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार का एलान पहले ही किया था लेकिन अन्ना की तबीयत खराब होने की वजह से आगे का कोई फैसला नहीं हो पाया।

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