दिल्ली हाईकोर्ट ने जनता पार्टी प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी को कथित रूप से भड़काउ लेख लिखने के मामले में संभावित गिरफ्तारी से 30 जनवरी तक अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया है।
न्यायमूर्ति एमएल मेहता ने स्वामी को यह अंतरिम संरक्षण उनकी ओर से यह वचन दिये जाने के बाद प्रदान किया गया कि वह भविष्य में ऐसे लेख नहीं लिखेंगे। अदालत ने इसके साथ ही स्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति मेहता ने स्वामी की याचिका पर सुनवायी करते हुए कहा, हम धर्मनिरपेक्ष देश हैं और हमें उस प्रणाली का सम्मान करना चाहिए जो हमारे पास है। अदालत ने कहा, यह ब्रिटेन जैसा यूरोपीय देश नहीं। हमारी विविधता है जिसका हमें गर्व होना चाहिए। यदि आप यह वचन दें कि आप पुस्तक पर आधारित कुछ भी नहीं लिखेंगे तो मैं आपको राहत प्रदान कर सकता हूं। अदालत ने यह बात स्वामी के वकील केटीएस तुलसी की ओर से यह दलील देने के बाद कही कि उन्होंने सरकार के खिलाफ 2जी घोटाला उजागर किया है, इसलिये यह मामला उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दायर किया गया है।

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