उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सुशासन और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और जनता दल (युनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आमने सामने होंगे। दोनों नेता मतदाताओं के सामने अपने-अपने कार्यों का गुणगान करते नजर आएंगे।
सीटों के बंटवारे पर सहमति न बन पाने के कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक भाजपा एवं जद (यु) प्रदेश विधानसभा चुनावों में एक दूसरे के खिलाफ मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार को और तीव्र करने का ऐलान किया है, तो दूसरी ओर जद (यु) के अध्यक्ष शरद यादव भी अपने सहयोगी दल पर लगातार तीखे हमले कर रहे हैं। भाजपा ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी, हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी एवं सांसद नवजोत सिंह सिद्घू के नाम को शामिल किया है।
पड़ोसी राज्य बिहार में सुशासन के मुद्दे को लेकर सत्ता में वापसी करने वाले जद (यु) में शरद यादव एवं नीतीश कुमार ही हैं, जिनके हाथ में चुनाव प्रचार की बागडोर होगी। पार्टी के आला नेता स्वीकार करते हैं कि हमारे लिए खोने को कुछ नहीं है और यही हमारी ताकत है। हमारा चुनाव चिन्ह तीर बहुतों को घाव दे सकता है। जद (यु) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश निरंजन भैयाजी ने बताया कि भाजपा से गठबंधन न होने का फायदा निश्चित तौर पर पार्टी को मिलेगा। गठबंधन की वजह से हमारे पास गिनती की ही सीटें रहती थीं, जिससे चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को मायूस होना पड़ता था।

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