आतंकवाद पर अंकुश के लिए नेटवर्क. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 जनवरी 2012

आतंकवाद पर अंकुश के लिए नेटवर्क.


केन्द्र और राज्य स्तर पर आतंकवाद रोधी कार्रवाई में शामिल खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सुरक्षित संचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक समर्पित नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। यह नेटवर्क राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह काम करेगा।  

सरकारी सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद रोधी गतिविधियों में संलग्न लगभग 500 एजेंसियों के बीच सुरक्षित संचार के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर का एक समर्पित नेटवर्क तैयार किया जा रहा है जो सुरक्षित खुफिया नेटवर्क प्रक्रिया के तहत काम करेगा। इस नेटवर्क पर परीक्षण चल रहा है और कुछ महीने में इसके पूर्णरूपेण कार्य करने की संभावना है।

नेटवर्क के टर्मिनल हर राज्य में होंगे जो मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) को भी जोड़ेगा। एनसीटीसी और उसे रिपोर्ट करने वाली सभी एजेंसियों के बीच यह कड़ी का काम करेगा। एनसीटीसी की स्थापना के बारे में सरकार संभवत: जल्द फैसला करेगी। खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और विश्लेषण की प्रक्रिया को युक्तिसंगत बनाने के इरादे से एनसीटीसी बनाने का प्रस्ताव है। सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद रोधी सभी जानकारियों, कार्रवाई और विश्लेषण को एक ही छतरी के नीचे लाने की कवायद में एनसीटीसी की स्थापना का इरादा सरकार ने किया है। प्रस्ताव पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) द्वारा अगले सप्ताह विचार किये जाने की संभावना है।

प्रस्ताव के मुताबिक आतंकवाद रोधी हर तरह की गतिविधियों के लिए एनसीटीसी नोडल एजेंसी का काम करेगी। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), संयुक्त खुफिया समिति, राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन जैसी सभी खुफिया एजेंसियां आतंकवाद से जुड़े मसलों पर एनसीटीसी को रिपोर्ट करेंगी। सूत्रों ने बताया कि एनसीटीसी का कोई परिचालन या कार्रवाई प्रकोष्ठ नहीं होगा, जैसा पहले सोचा गया था। किसी आतंकी माड्यूल के खिलाफ कार्रवाई का जिम्मा राज्य पुलिस की आतंकवाद रोधी इकाइयों के जिम्मे होगा। एनसीटीसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से भी समन्वय करेगी। मुंबई आतंकी हमले के बाद आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं की जांच के उद्देश्य से एनआईए का गठन किया गया था। मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले की जांच भी एनआईए कर रहा है।

आतंकवादी संगठन अत्याधुनिक हथियारों ही नहीं बल्कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों का भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में एनसीटीसी को विभिन्न राज्यों और राष्ट्रीय स्तर की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के बीच जांच के दौरान समन्वय स्थापित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बताया जाता है कि सीसीएस एनसीटीसी के गठन का प्रस्ताव सरकारी आदेश से मंजूर होगा। इसके गठन के लिए संसद में कोई विधेयक लाने की आवश्यकता नहीं होगी जैसा कि एनआईए के मामले में किया गया था।

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