एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत की नौकरशाही पूरे एशिया में सबसे बुरी है. हॉंगकॉंग स्थित संस्था, ‘पॉलिटिकल एन्ड इकनॉमिक रिस्क कंसलटेंसी’ ने अपनी इस रिपोर्ट में एशियाई देशों में नौकरशाही को एक से 10 तक क्रमबद्ध किया है. इसमें 10 सबसे बुरी स्थिति का सूचक है. भारत को इस 9.21 अंक मिले हैं यानी सभी देशों में सबसे कम.
भारत में नौकरशाही की स्थिति वियतनाम, इंडोनेशिया, फ़िलिपीन्स और चीन से भी बदतर पाई गई है. रिपोर्ट के क्रम में सबसे कम संख्या (2.25) के साथ सिंगापुर सबसे बेहतर नौकरशाही वाला देश पाया गया. क्रम में सिंगापुर के बाद हॉंगकॉंग, थाईलैंड, ताईवान, जापान, दक्षिण कोरिया और मलेशिया बताए गए हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में व्यापारियों की कई शिकायतों, मसलन मूलभूत ढांचों की कमी और भ्रष्टाचार की वजह नौकरशाही ही है. इसलिए कंपनियां इन दिक्कतों से जूझने के लिए और सरकार से अपने हक़ में काम करवाने के लिए घूस देने का रास्ता अपनाती हैं. ये भी कहा गया कि भारत की कर व्यवस्था और पर्यावरण से जुड़े तथा अन्य नियम-क़ायदे इतने कठिन हैं कि यहां व्यापार करना 'महंगा और दिक्कतों से भरा' है. रिपोर्ट में कहा गया है, "कंपनियां भारत की अदालतों का रास्ता अपनाने से भी घबराती हैं और इस सबके बीच ग़लत फ़ैसलों के लिए भारतीय नौकरशाहों को ज़िम्मेदार कम ही ठहराया जाता है."
ये नौकरशाहों को बहुत ताकत देता है और ये एक बड़ी वजह हो सकती है कि आम भारतीय के साथ-साथ मौजूदा और आने वाले समय में यहां निवेश की मंशा रखने वाले विदेशी निवेशक, नौकरशाहों को इतनी नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं. भारत सरकार ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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