अमेरिका ने अति-कुशल विदेशी विद्यार्थियों और श्रमिकों को आकृष्ट करने के लिए एफ-1 और एच-1बी वीजा नियमों में बदलाव करने सहित कई सुधारों की घोषणा की है। इससे भारतीय पेशेवरों को लाभ हो सकता है।
अमेरिका के घरेलू सुरक्षा विभाग ने घोषणा की है कि अंतरिम उपाय, वैश्विक बाजार में अमेरिकी कम्पनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और "हमारी ध्वस्त आव्रजन प्रणाली को दुरूस्त करने" के लिए व्यापक आव्रजन सुधारों से पहले अमेरिकी रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने पर लक्षित हैं। प्रस्तावित बदलावों में एच-1बी वीजा वाले खास लोगों के पति/पत्नियों के लिए काम करने का अधिकार मुहैया करना और अच्छे प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं को अकादमिक उपलब्धि के सबूत का एक व्यापक अवसर प्रस्तुत करने की छूट देना शामिल है।
इन बदलावों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में पहले से कोई डिग्री रखने वाले विद्यार्थियों को शामिल करने के लिए एफ-1 वीजा धारक अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण 17 महीने बढ़ाने की पात्रता विस्तृत करना भी शामिल है। इन बदलावों के तहत एफ-1 वीजा धारक विद्यार्थियों के पति/पत्नियों को अतिरिक्त अंशकालिक अध्ययन की अनुमति भी होगी और इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के दाखिलों के लिए डीएचएस द्वारा प्रमाणित स्कूलों में नामित स्कूल अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की भी छूट होगी।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) 22 फरवरी को कैलीफोनिर्या के सिलिकॉन वैली में एक सूचना शिखर सम्मेलन के साथ अपनी "एंटरप्रन्योर्स इन रेजिडेंस" पहल लांच करेगा। सम्मेलन इस मुद्दे पर चर्चा होगी कि विदेशी उद्यमी प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए मौजूदा आव्रजन कानूनों की सम्भावना को कैसे अधिकतम सीमा तक बढ़ाया जाए। घोषणा में कहा गया है कि सूचना शिखर सम्मेलन यह सुनिश्चित कराने पर केंद्रित होगा कि विदेशी उद्यमियों के लिए आव्रजन का रास्त साफ और अनुकूल हो, और वर्तमान व्यापारिक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से जाहिर करे।

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