नौका से बरामद हुई डायरी में मुंबई हमले का कोड - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

नौका से बरामद हुई डायरी में मुंबई हमले का कोड


 26/11 का आतंकी अजमल कसाब की डायरी कुबेर नौका से बरामद हुई थी, जिसका इस्तेमाल आतंकवादियों ने मुंबई पहुंचने के लिए किया था। इस नौका को आतंकवादियों ने 23 दिसंबर 2008 को अरब सागर में हाइजैक कर लिया था। 

डायरी उर्दू में लिखी हुई है। इसमें मुंबई और कराची के स्थानों के अक्षांश और देशांतर का उल्लेख है। डायरी से पता चलता है कि सभी आतंकी एक साथ आए थे और शहर पहुंचने पर वे खास स्थान को निशाना बनाने के लिए पांच समूहों में बंट गए थे। इस डायरी से इस बात का साफ खुलासा होता है कि मुंबई पर हमला करने आए आतंकियों का लीडर कसाब ही था। तीन की समुद्री यात्रा के दौरान 24 घंटे में कब कौन सा आतंकी रखवाली करेगा, इसका पूरा ड्यूटी चार्ट था। यही नहीं, कसाब ने डायरी में अपने साथ लाए राशन, हथियार और गोला-बारूद के स्टॉक का हिसाब भी लिख रखा था। 

डायरी में हमले की पूरी प्लानिंग का ब्योरा भी मिला है। डायरी और आतंकियों की टेलिफोन बातचीत के रिकॉर्ड से भी इस बात का खुलासा हुआ है कि उन्हें उनके आकाओं द्वारा निर्देशित किया जा रहा था। डायरी में मुबंई पर हमले के चुने गए 9 स्थानों का भी जिक्र है जिसमें- कोलाबा, कफ परेड, मच्छीमार नगर, राजाभाई टावर, रीगल चौक, नाथाभाई मार्ग, नरीमन पॉइंट, डब्लूटीसी और रीगल सिनेमा। कसाब की डायरी से पता चला है कि आतंकी सैटेलाइट फोन पर पाकिस्तान में अपने आकाओं से बात करते हुए मुंबई पर हमले के लिए 26/11 कोड का इस्तेमाल कर रहे थे। इसके अलावा डायरी में जो कोड मिले हैं वह इस तरह हैं- सब ठीक-ठाक है के लिए (हालत ठीक है), मछलियां (लोग) बहुत हैं- (मच्छी लग रही है), साधारण नाव के लिए कोड था (भाई लोग), नौसेना की नाव के लिए (यार लोग), नौसेना के जहाज के लिए (यार लोगों का ग्रुप), इंजिन के लिए (मशीन) और यात्रा के लिए (बर्फ)। 

डायरी से पता चला कि आतंकियों के पास राशन और हथियारों के अलावा, स्थानीय लोगों के कॉन्टैक्ट नंबर, लोकल सैटलाइट टेलिफोन नंबर, नक्शों की फोटोकॉपी, सैटलाइट फोन के सिम कार्ड्स, दो पिस्तौल, मिनरल वॉटर की बोतलें, 10 किलो बढ़िया क्वॉलिटी के खजूर, एक एक्स्ट्रा फोन चार्जर, जीपीएस डिवाइस, सैटलाइट फोन भी थे। गौरतलब है कि जब सीनियर ऐडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर उज्ज्वल निकम ने जस्टिस आफताब आलम और जस्टिस सी. के. प्रसाद की बेंच के सामने ऑरिज़नल डायरी पेश की तो उन्होंने इसे पर बड़ा गौर किया। जस्टिस आलम को उर्दू की जानकारी होने के कारण उन्होंने डायरी में लिखी बातों को ध्यान से पढ़ा। उन्होंने हिंदी में इसे पढ़ कर भी बताया। ऐडवोकेट सुब्रमण्यम ने बताया कि डायरी के हिंदी अनुवाद से कसाब के वकील भी सहमत हैं और उन्होंने सिर्फ एक शब्द मुजाहिदीन पर आपत्ति जताई है। 

कसाब ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह उसकी मौत की सजा को कम करके आजीवन कारावास में तब्दील कर दे। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 10 अक्टूबर को कसाब को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगा दी थी।  गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कसाब को सुनाई गई मौत की सजा पर मुहर लगाने की मांग करते हुए बेंच के सामने इस डायरी को पेश किया गया था।  

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