आतंकवाद से लड़ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया नेशनल काउंटर टेररिजम सेंटर (एनसीटीसी) उसके लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है। एनसीटीसी का राज्यों में तीखा विरोध हो रहा है। एनसीटीसी को दी गई शक्ति और अधिकार क्षेत्र के खिलाफ चार राज्यों के मुख्यमंत्री खुलकर सामने आ गए हैं। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओड़ीशा के सीएम नवीन पटनायक और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता शामिल हैं। इन नेताओं ने यूपीए सरकार की निंदा करते हुए एनसीटीसी को दी गई शक्ति को केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकारों में दखल करार दिया है।
चारों मुख्यमंत्रियों का कहना है कि सरकार एनसीटीसी से जुड़े सरकार के आदेशों की समीक्षा करे और इसे वापस ले। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर एनसीटीसी का विरोध किया है। 14 फरवरी को ओड़ीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कार्यालय की तरफ से जारी की गई ममता की इस चिट्ठी में एनसीटीसी को दी गई ताकत, अधिकार क्षेत्र और काम को लेकर आपत्ति जताई गई है। चिट्ठी में लिखा गया है कि किसी भी राज्य सरकार के लिए ऐसी किसी केंद्रीय एजेंसी को स्वीकार करना मुश्किल है जो राज्य के अधिकार क्षेत्र में ऐसी दखल दे, जो एनसीटीसी दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार, नवीन पटनायक और जयललिता इस मुद्दे पर ममता के साथ हैं। चंद्रबाबू नायडू की तेलूगु देशम पार्टी भी इस मुद्दे पर चारों मुख्यमंत्रियों के समर्थन में खड़ी हो गई है। पार्टी ने एक बयान में कहा है कि केंद्र को राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस मुद्दे पर चारों मुख्यमंत्रियों का समर्थन कर रही है। सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों में कहा जा रहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर नीतीश, ममता, नवीन पटनायक और जयललिता के लगातार संपर्क में हैं।
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