पाकिस्तान ने बलूच नागरिकों को आत्मनिर्णय का अधिकार देने के पक्ष में अमेरिकी कांग्रेस में पारित प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि इससे अमेरिका के साथ पहले से ही पाकिस्तान के तनावपूर्ण सम्बंधों में और खटास आ सकती है।
सूत्र के अनुसार खार ने ये बातें लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) में सोमवार को कही। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और प्रांत के निर्वाचित प्रतिनिधि ही इस मुद्दे का समाधान करेंगे, न कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य।
अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति ने शुक्रवार को यह प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें न केवल बलूच नागरिकों को आत्मनिर्णय का अधिकार देने की वकालत की गई है, बल्कि यह भी कहा गया है कि सबसे बड़ा प्रांत होने के बावजूद वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन व दमन हो रहा है। खार ने आईआईएसएस में बलूचिस्तान पर अमेरिकी प्रस्ताव की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे कदम से अमेरिका के साथ पाकिस्तान के पहले से ही तनावपूर्ण सम्बंध और बिगड़ सकते हैं।
भारत के साथ सम्बंधों पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रखने की आवश्यकता है। इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने भी विधेयक की निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान की सम्प्रभुता के खिलाफ बताया था। बलूचिस्तान को पाकिस्तान का आंतरिक मामला करार देते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार इसके समाधान के लिए बेहतर ढंग से प्रयास कर रही है। उधर, अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत शेरी रहमान ने प्रस्ताव को 'भड़काऊ' बताया। दूतावास की वेबसाइट पर लिखे संदेश में कहा गया है कि इसे गम्भीरता से लिया गया है और इस अधूरी सूचना वाले कदम तथा बलूचिस्तान पर कांग्रेस सदस्य की अनुपयुक्त चिंता को खारिज किया जाता है।

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