बिहार के कक्षा सात में पढ़ने वाले १२ वर्षीय निवासी चैतन्य ने दुनिया भर में मुफ्त बिजली देने की योजना बनायी है। इस छात्र ने 'कंसेप्ट पावर जेनेरेटर' का ईजाद किया है। वहीं दसवीं के छात्र असीम भारद्वाज ने 'साइकिल मोबाइल चार्जर प्रोजेक्ट' तैयार किया है। इससे ग्रामीण इलाकों में बिजली की किल्लत दूर होगी।
इनकी योजना को साकार करने के लिए इन्हें भारत सरकार के प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंस्पायर स्कीम के तहत 5-5 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की है। इसके अलावा इनके प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्तर पर होनेवाली विज्ञान प्रदर्शनी के लिए चयनित भी किये गये हैं। इसी माह यह प्रदर्शनी होने वाली है।
कनक बिहारी पाठक व मीना देवी के पुत्र चैतन्य ने बताया कि मुफ्त की बिजली उत्पादन का विचार उन्हें अपने पिता से एक बार बातचीत के दौरान आया। कार का हेडलाइट हमेशा जलते रहने के बाबत चैतन्य ने अपने पिता से पूछा। पिता जो केन्द्रीय विद्यालय में शिक्षक भी हैं, ने बताया कि इसमें डायनेमो होता है, जो इसकी बैटरी को चार्ज करता रहता है। इसी से कार का हेडलाईट हमेशा जलते रहता है। इसी के बाद चैतन्य यह प्रोजेक्ट तैयार किया।
इसमें एक बैटरी लगायी गयी है जिसको मोटर से जोडा गया है। मोटर का कनेक्शन डायनेमो से है। डायनेमो से निकली बिजली वापस इस बैटरी को चार्ज करती है। चैतन्य के अनुसार अगर यह बैटरी दो घंटे तक पंखे को चला सकता है। इस विधि के माध्यम से 15 सेकेंड अधिक पंखा नाचता रहता है। यही 15 सेकेंड मुफ्त की बिजली है। अगर इसे बड़े पैमाने पर तैयार किया जाय तो काफी मात्रा में विद्युत उत्पादन किया जा सकता है।
वहीं दूसरे छात्र असीम ने बताया कि उसके मन में साइकिल मोबाइल चार्जर बनाने का ख्याल उस समय आया जब उसने अपने घर दूध देने के लिए आनेवाले को रोज अपने यहां मोबाइल चार्ज करते देखा। इसके बाद उसने साइकिल में एक डायनेमो लगाया। इससे मोबाइल चार्ज किया जा सकता है और इसकी क्षमता के अनुसार बल्ब, पंखा आदि भी चलाया जा सकता है।

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