सहारा इंडिया ने कहा है कि उसने बीसीसीआई को समझाने की कोशिश की थी लेकिन बोर्ड ने उसकी बात नहीं मानी, इसलिए उसने स्पॉन्सरशिप खत्म करने का फैसला किया है। कंपनी की ओर से शनिवार को बयान जारी होने के बावजूद सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय ने दोपहर बाद प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बोर्ड को समझाने की कोशिश की गई थी। एमएनसी को रोकने के लिए स्पॉन्सर लेकिन बोर्ड ने हमारी बात नहीं मानी।
बीसीसीआई ने सहारा इंडिया परिवार द्वारा शनिवार को स्पॉन्सरशिप से नाता तोड़ने और आईपीएल की पुणे वारियर्स टीम से हटने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। बीसीसीआई ने कहा है कि उसे इस संबंध में सहारा की ओर से कुछ भी लिखित में नहीं मिला है। हालांकि बोर्ड ने यह भी साफ कर दिया है कि आईपीएल की किसी भी टीम के लिए नियम नहीं बदले जाएँगे ।
सहारा के पास आईपीएल की फ्रेंचाइजी पुणे वॉरियर्स का मालिकाना हक है। सहारा इंडिया के आज के ऐलान के साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम की मुख्य प्रायोजक कंपनी सहारा और बीसीसीआई के बीच का 11 सालों का नाता टूट गया है। आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि नीलामी के दिन सहारा का बोर्ड के साथ संबंध तोड़ने का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। शुक्ला ने कहा कि सहारा नियमों में ढील चाहता था, जो बीसीसीआई को मंजूर नहीं था। शुक्ला ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन हमें इस बारे में कोई लिखित नोटिस नहीं मिला है। सहारा के इस फैसले के बाद भी आईपीएल और भारतीय टीम का सफर जारी रहेगा। इस संबंध में मार्केटिंग समिति जल्द ही कुछ फैसला लेगी।’
बीसीसीआई के सेक्रेट्री संजय जगदाले ने एक बयान जारी कर कहा, ‘सहारा एंडवेंचर स्पोर्ट्स लिमिटेड ने बयान जारी कर संकेत दिए हैं कि वह आईपीएल सहित भारतीय क्रिकेट से नाता तोड़ सकते हैं। इस मामले में हम जल्द से जल्द सहारा से संपर्क कर इसकी वजह जानना चाहेंगे।’

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