पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी आठ अप्रैल को अजमेर आकर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत कर सकते हैं। इस यात्रा का उद्देश्य पूरी तरह से धार्मिक है। हालांकि सरकार उनके एकदिवसीय दौर पर कुछ राजनीतिक चर्चा शामिल करने की संभावना तलाश रही है। अभी तक, यह दौरा पूरी तरह से धार्मिक उद्देश्यों के लिए है, लेकिन प्रयास किये जा रहे हैं कि जरदारी के एक दिवसीय दौरे पर कुछ राजनीतिक चर्चा भी हो सके।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने 2009 में रूस में एससीओ सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अंतिम बार मुलाकात की थी। सूत्रों का मानना है कि जैसा कि भारत-पाक रिश्तों में होता है, जरदारी के दौरे की तारीख आते आते कई फैसले किये जाएंगे।
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