तीनों सेना प्रमुखों को संसदीय समिति ने बुलाया. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 10 अप्रैल 2012

तीनों सेना प्रमुखों को संसदीय समिति ने बुलाया.


रक्षा मामलों की संसदीय स्थाई समिति ने सोमवार को असामान्य कदम उठाते हुए तीनों सेना प्रमुखों को रक्षा संबंधी तैयारियों की स्थिति पर रुख पेश करने के लिए उन्हें बुलाने का फैसला किया। 

सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा सेना में कथित खामियों का मुद्दा उठाए जाने की पृष्ठभूमि में समिति ने यह फैसला किया है। सूत्रों ने कहा कि समिति द्वारा थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों को 20 अप्रैल को उसके समक्ष बुलाने का फैसला रक्षा तैयारियों के मुद्दे को समझने की कवायद का हिस्सा है चूंकि समिति 2012-13 के लिए रक्षा मंत्रालय के बजट प्रस्तावों पर अध्ययन कर रही है।

सूत्रों के अनुसार तीनों सेना प्रमुखों के उपस्थित होने की तारीख में हेर फेर हो सकती है ताकि तीनों एक ही दिन मौजूद हो सकें।  समिति की आज हुई बैठक में यह फैसला किया गया जिसमें रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा ने इस बात की पुष्टि की कि सैनिकों का दिल्ली की ओर कूच करना एक रूटीन अभ्यास था और किसी मानक प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं हुआ क्योंकि सरकार से इसके लिए अनुमति जरूरी नहीं थी। सूत्रों के अनुसार शर्मा ने इस संबंध में प्रकाशित खबरों को भ्रामक करार दिया।  रक्षा सचिव की दलील से संतुष्ट होकर मुख्तार अब्बास नकवी, मनीष तिवारी, नरेश गुजराल और उदय सिंह समेत समिति के सदस्यों ने कहा कि मामले को समाप्त समझा जाना चाहिए। पिछले सप्ताह एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक की खबर ने तूफान खड़ा कर दिया था जिसमें कहा गया था कि 16-17 जनवरी को सेना की दो टुकड़ियों ने सरकार को सूचित किए बिना नई दिल्ली की ओर कूच किया था।

खबर के अनुसार सेना की गतिविधि के कुछ ही घंटे बाद सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह अपनी जन्मतिथि के मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में गए थे। समिति के समक्ष सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह के साथ साथ वायु सेना, डीआरडीओ और बीईएमएल के वरिष्ठ अधिकारी भी पेश हुए।

समिति ने इस बात का संज्ञान लिया कि सेना समय पर हथियारों की आपूर्ति के सिलसिले में आर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड के साथ दिक्कतों का सामना कर रही है वहीं वायुसेना को प्रशिक्षक विमान एवं उसके बेड़े की देखभाल के लिहाज से हिंदुस्तान एयरोनाटिकल लिमिटेड से कुछ समस्याएं हैं। समझा जाता है कि आज की बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह ने समिति से कहा कि सेना के सामने कुछ टैंक रोधी युद्ध सामग्री की कमी है। इस मुद्दे को सेना प्रमुख ने भी उठाया था। इन मुद्दों के मददेनजर समिति ने सभी तीनों सेनाओं के प्रमुखों को संवाद के लिए बुलाने का फैसला किया।

एक सदस्य ने कहा कि समिति सेनाओं की बजट मांगों पर विचार कर रही है और तीनों सेना प्रमुखों से बातचीत करने से रक्षा तैयारी पर एक अलग रिपोर्ट तैयार करने में मदद मिल सकती है जिसे सिफारिशों के साथ सरकार को सौंपा जा सकता है। पिछले कुछ सालों में इससे पहले तीनों सेना के आला अधिकारी स्थाई समिति के समक्ष एक बार ही पेश हुए हैं। पिछले साल जनवरी में सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख और नौसेना के उप प्रमुख लोक लेखा समिति के समक्ष पेश हुए थे जब यह सैनिकों को राशन आपूर्ति पर कैग की एक रिपोर्ट पर जांच कर रही थी।

स्थाई समिति के कुछ सदस्य यह भी चाहते थे कि रक्षा मंत्रालय सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों के मध्यस्थों के तौर पर काम करने पर रोक लगाए। यह विचार जनरल सिंह के इन आरोपों के मद्देनजर आया कि उन्हें एक पूर्व अधिकारी ने वाहनों के सौदे को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपये की घूस की पेशकश की थी। आज बीईएमएल के वित्त और सतर्कता प्रकोष्ठ के तीन आला अधिकारियों से सीबीआई द्वारा टाट्रा ट्रकों की आपूर्ति के सौदे में अनियमितताओं के सिलसिले में पूछताछ भी की गई है जिस दिन बीईएमएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक वीआरएस नटराजन भी डीआरडीओ के अफसरान के साथ संसदीय समिति के समक्ष हाजिर हुए। समिति के सदस्यों ने पार्टी लाइन से हटकर उनसे ट्रक सौदे के संबंध में उठे विवाद पर सवाल जवाब किए। माना जा रहा है कि नटराजन ने कहा कि बीईएमएल रक्षा खरीद प्रक्रिया, 2011 के तहत नहीं आती और कंपनी रक्षा मंत्रालय के लिए मौलिक उपकरण निर्माता है। 

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