बातचीत से नक्सल समस्या का समाधान नहीं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 2 अप्रैल 2012

बातचीत से नक्सल समस्या का समाधान नहीं


केंद्रीय गृह सचिव आऱ क़े सिंह ने सोमवार को कहा कि नक्सली लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं करते और हिंसा पर उतारू हो जाते हैं, ऐसे में उनसे बातचीत से नहीं निपटा जा सकता। पटना में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के क्षेत्रीय मुख्यालय के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए सिंह ने कहा कि नक्सली समस्या आज देश की बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या का समाधान अब बातचीत से सम्भव नहीं है। 

उन्होंने कहा, "वे (नक्सली) हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं करते। वे हिंसा के जरिये इस व्यवस्था को बदलना चाहते हैं।" सिंह ने कहा, "वे कहते हैं कि गरीबों और आदिवासियों की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह एक बहाना है। उनके द्वारा मारे गए लोगों में अधिकांश लोग गरीब और आदिवासी ही हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलियों से निपटने के लिए लड़ाई जारी है।"  सिंह ने आईटीबीपी की तारीफ करते हुए कहा कि आज देश के लिए यह बल काफी महत्वपूर्ण है। देश की सीमा पर सुरक्षा की बात हो या आंतरिक मामला, आज अधिकारियों की पहली पसंद आईटीबीपी बन गई है। 

कोई टिप्पणी नहीं: