सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उन्हें पेट्रोल के दाम बढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई तो इसकी आपूर्ती बाधित हो सकती है। तेल विपणन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) के अध्यक्ष आर एस बुटोला ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि लागत से कम कीमत पर पेट्रोल बेचने से तेल कंपनियों को रोजना 48 करोड़ रूपए का नुकसान हो रहा है । उन्होंने कहा कि या तो सरकार कंपनियों को पेट्रोल के दाम बढ़ाने की अनुमति दे अथवा वह अंडर रिकवरी की भरपाई करें। आईओसी के साथ भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) हर पखवाड़े पेट्रोल के कीमतों की समीक्षा करती हैं। बुटोला ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों से तुलना की जायें तो वर्तमान कीमत पर एक लीटर पेट्रोल बेचने से 7.67 रूपए का नुकसान हो रहा है । इसमें 20 प्रतिशत का बिक्री कर जोड़ दिया जाये तो पेट्रोल के दाम में कम से कम 9 रुपए प्रति लीटर की बढोतरी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, स्थिति बहुत गंभीर है। कंपनियों को यदि क्षतिपूर्ती नहीं मिली और दाम बढाने की अनुमति भी नहीं दी गई तो पेट्रोल की आपूॢत बाधित हो सकती है। बुटोला ने कहा कि ईंधन की आपूर्ती पूरी करने के लिए कच्चे तेल का भारी मात्रा में आयात करना पडता है । कंपनी कच्चे तेल के आयात पर उत्पादन का ९३ प्रतिशत खर्च करती है और ईंधन बेचने से राजस्व नहीं मिला तो कच्चा तेल कैसे खरीदा जायेगा और ऐसी स्थिति बनती है तो ईंधन की आपूर्ती पर निश्चित रूप से असर पडना स्वाभाविक है।

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