खण्डूडी लोकायुक्त का बहुगुणा करेगे पोस्टमार्टम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012

खण्डूडी लोकायुक्त का बहुगुणा करेगे पोस्टमार्टम


हरीश व हरक ने कहा अन्ना टीम की कार्बन कॉपी था लोकायुक्त


2012 के विधानसभा चुनाव में जनता के जनादेश को पाने के लिए खंडूरी के बनाए गए लोकायुक्त का प्रदश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पोस्टपार्टम करेंगे। इसके साथ ही इस विधेयक में कई संशोधन करने के साथ इसे फिर से लागू करने के लिए तैयार किया जाएगा। विधानसभा चुनाव में भाजपा लोकायुक्त कानून को लेकर अन्ना टीम के साथ इसे देशभर में प्रचारित करने का काम कर चुकी है और इसी के सहारे उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव भी लड़ा जा चुका है लेकिन जनता का जनादेश न मिल पाने के बाद भाजपा की उत्तराखण्ड मे राजनैतिक जमीन भी सत्ता की देहलीज पर पहुचने मे नाकाम रही है। 

11 सितम्बर 2011 को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भुवन च्रद खंडूरी ने लोकायुक्त कानून के साथ सिटिजन चार्टर, स्थानान्तरण नीति और सेवा का अधिकार जैसे कानूनों को बनाकर जनता के बीच सहानुभूति बटोरनी चाही थी लेकिन जिस लोकायुक्त को भुनाने के लिए उत्तराखण्ड से लेकर देशभर में खंडूरी के सहारे वोट बैंक हासिल करने का अन्ना टीम के साथ मिलकर खेल खेला गया उसमे उत्तराखण्ड की जनता ने ना सिर्फ कोटद्वर से चुनाव लड़ रहे बीसी खंडूरी को हरा डाला बल्कि भाजपा के कई दिग्गज भी अपनी राजनैतिक जमीन विधानसभाओ में नही बचा पाए। भाजपा के खंडूरी मुख्यमंत्री काल में जिस तरह से जल्दबाजी में कई निर्णय लिए गए। वह जनता के बीच फायदे का सौदा होने के बजाए भाजपा को नुकसान पहुचा गए शायद यही कारण रहा कि जल्दबाजी के इन निर्णयो पर जनता का ध्यान भाजपा से सिर्फ 2012 के विधानसभा चुनाव होने के चलते जा टिका और जनता ने इन फैसलो को मानने से साफ इन्कार कर डाला जिसका नतीजा 2012 के विधानसभा चुनाव में साफ तौर से देखा गया। देशभर मे जो लोकायुक्त कानून को लेकर भाजपा कांग्रेस को इसे देशभर में लागू कराने के लिए दबाव बनाती नजर आई और अन्ना टीम ने भी उत्तराखण्ड के साथ कई अन्य राज्यो में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने की अपील की लेकिन उस अपील का असर उत्तराखण्ड में देखने को नही मिल पाया और जनता ने भाजपा का नकारकर कांग्रेस को जनादेश देते हुए सत्ता की कुर्सी पर विराजमान करा दिया। 

राजनैतिक विश्लेषक माने है कि जनता के बीच सहानुभूति वोट बटोरने के लिए जिस तरह से कानूनो को बनाकर तैयार किया गया वह भाजपा को फायदा देने के बजाए नुकसान पहुंचा गए। इसका परिणाम खुद मुख्यमंत्री खंडूरी को कोटद्वार के विधानसभा चुनव में हार के रूप मे देखने को मिला। भाजपा ने खंडूरी है जरूरी का नारा देकर खंडूरी को उत्तराखण्ड का अन्ना घोषित कर अपने पक्ष में मतदान करने का माहौल तो तैयार किया लेकिन जनता के बीच इसका फायदा लेने में भाजपा पूरी तरह नाकामयाब साबित हुई । वहीं कांग्रेस भाजपा के बनाए गए इन कानूनो को विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी स्टंट जनता के बीच करार देती रही और जनता के बीच यह बातें साफ तौर से देखने को मिली कि जनता इन कानूनो से बिल्कुल भी खुश नही है। अधिकारी वर्ग से लेकर आम कर्मचारी भी भाजपा के खण्डूडी शासन काल से इतना त्रस्त हो गया था कि विधानसभा चुनाव में इस वर्ग ने भी भाजपा की राजनैतिक जमीन को साफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा खंडूरी के लोकायुक्त कानून में संशोधन किए जाने की बाते कर रहे है और उनका मानना है कि इस लोकायुक्त में संशोधन कर इसे जनता के अनुरूप तैयार किया जाएगा और इसमें केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए लोकायुकत की तरह तैयार कर इसे उत्तराखण्ड में लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी साफ किया है कि वह जनता के अनुरूप प्रदेश का विकास करने के साथ साथ सभी को साथ में लेकर चलेगे। 

लोकायुक्त में संशोधन को लेकर केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत का तर्क है कि केन्द्र की तर्ज पर उत्तराखण्ड में लोकायुक्त तैयार किया जाना चाहिए और खंडूरी ने जिस लोकायुकत को आनन-फानन में तैयार किया था वह अन्ना टीम का फार्मेट था जिसकी कार्बन कॉपी बन बीसी खंडूरी उत्तराखण्ड का अन्ना बनना चाह रहे थे जिसे जनता ने अस्वीकार कर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत का भी साफ कहना है कि जनता के बीच विधानसभा चुनाव से पूर्व जितने भी फैसले लिए गए वह सिर्फ चुनावी ताश के पत्ते थे जो खंडूरी की हार के बाद पूरी तरह बिखर गए है और अब उत्त्राखण्ड में कांग्रेस विकास का नया अध्याय लिखेगी। मुख्यमंत्री की खंडूरी के बनाए गए लोकायुक्त बिल में संशोधन किए जाने की बात से साफ हो गया है कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर इसे उत्तराखण्ड में पेश नहीं होने देना चाहती और वह इस बिल का पोस्टमार्टम कर केन्द्र की तर्ज पर लोकायुक्त को उत्तराखण्ड में लागू करेगी।


(राजेन्द्र जोशी)

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