झारखण्ड राज्य में गंगा नदी की सफाई की कवायद तेज हो गई है। नगर विकास विभाग को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। सफाई योजना पर केंद्र ने हाल ही में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। कंसल्टेंट, जीएस मैपिंग, डाटा इंट्री ऑपरेटर समेत विभिन्न पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु हो गई है। गंगा नदी सफाई परियोजना केंद्र प्रायोजित है।
केंद्र सरकार और विश्व बैंक के बीच गत वर्ष इसके लिए इकरारनामा हुआ था। सफाई पर सात हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसमें 4600 करोड़ विश्व बैंक से कर्ज मिलेगा। जिन राज्यों से गंगा नदी गुजरती है, उन राज्यों को अभियान में शामिल किया गया है। झारखंड में अभियान पर 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें 130 करोड़ केंद्र और 60 करोड़ राज्य सरकार को देना है। राज्य में साहेबगंज और राजमहल क्षेत्र में लगभग 65-70 किमी गंगा नदी का तट है। क्षेत्र के नदी-नालों से बहने वाले पानी को एक जगह इक्ट्ठा कर उसकी सफाई के बाद गंगा नदी में प्रवाह होने दिया जाएगा। इसके लिए सीवर सिस्टम को ठीक करने के साथ-साथ गंदे पानी की सफाई के लिए प्लांट भी बनाना होगा। नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र से योजना के प्रारूप पर मंजूरी मिल गई है। हाल में दिल्ली में हुई बैठक में इससे जुड़े कई मुद्दों पर जानकारी दी गई।
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