सरकार का स्थाई प्रशिक्षण केंद्र बनाने का निर्णय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 अप्रैल 2012

सरकार का स्थाई प्रशिक्षण केंद्र बनाने का निर्णय


जनप्रतिनिधियों को लगातार सरकारी योजनाओं के अलावा अधिकार और कर्तव्य का पाठ पढ़ाया जाएगा। जिससे योजनाओं के बारे में उन्हें बारीक जानकारी मिल सके। इसके लिए सरकार ने पहले चरण में कोल्हान, उत्तरी छोटानागपुर और पलामू में स्थाई प्रशिक्षण केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। 

30 लाख रुपए की लागत से प्रशिक्षण केंद्र बनेगा। यहां समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाएगी।फिलहाल अपना प्रशिक्षण केंद्र नहीं होने के कारण भाड़े के हॉल में ट्रेनिंग दी जा रही है। 48339 प्रतिनिधियों में से 44405 को चरणबद्ध ट्रेनिंग दी गई है। शेष को भी ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया चल रही है। इनका डाटा बेस भी तैयार किया जा रहा है। शेष अन्य प्रमंडलों में भी प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने का प्रस्ताव है।

राज्य की 2416 पंचायतों में सचिवालय बनाने की कवायद तेज हो गई है। फिलहाल 4423 पंचायतों में से 2007 में ही पंचायत सचिवालय बन गया है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर भी तेजी से विकसित किया जा रहा है। बजट का 20 फीसदी खर्चने का अधिकारबजट की 20 फीसदी राशि खर्च करने का अधिकार पंचायतों को होगा। वित्तीय वर्ष 2012-13 से यह अधिकार पंचायतों को दिया गया है। राशि खर्च सरकार के बीआरजीएफ नियम के आधार पर होगी। कर्मियों के ट्रांसफर और कार्रवाई का अधिकारजिला, प्रखंड और पंचायत के कार्यालय-कर्मचारी सहित क्रमश: जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत में हस्तांतरित किए जाएंगे।

पंचायती राज संस्थाओं को स्थानांतरित किए गए कर्मियों की विस्तृत सूची भी जारी की जाएगी। हस्तांतरित अराजपत्रित कर्मचारियों के ट्रांसफर करने और लघु दंड देने का अधिकार होगा। सीनियर अधिकारी होंगे सीइओजिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर सीनियर अफसर की पोस्टिंग होगी। इसके लिए प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की कनीय प्रवर कोटि के अधिकारी अथवा राप्रसे के वरीय सलेक्शन ग्रेड के अनुभवी अधिकारियों का पदस्थापन किया जाएगा। विभागीय समितियां होंगी भंगजिला, प्रखंड और ग्राम पंचायत स्तर के कार्यकलापों से जुड़े विभागों की विभिन्न समितियों को भंग कर दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेवारी पंचायती राज संस्थानों के तीनों स्तर पर गठित संबंधित स्थाई समितियों में समाहित होगी। पंचायती राज संस्थाएं उक्त समितियों की नियमित बैठक सुनिश्चित करेंगी।फिलहाल पांच विभागों का मिलेगा अधिकारपहले चरण में पांच विभागों का अधिकार पंचायतों को देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। पहले चरण में कृषि, प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा कल्याण विभाग का अधिकार मिलेगा। 

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