गुलमर्ग दंगा पीड़ित जकिया जाफरी को एसआईटी की रिपोर्ट देने की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि एसआईटी रिपोर्ट में मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जकिया ने अपनी याचिका में जिन पर भी आरोप लगाए थे एसआईटी रिपोर्ट में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
कोर्ट के मुताबिक एसआईटी रिपोर्ट में मोदी समेत 62 लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि गुजरात दंगों से जुड़ी रिपोर्ट एक महीने के अंदर जकिया जाफरी को देनी होगी। जकिया जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी का कहना है कि उन्होंने रिपोर्ट नहीं पढ़ी है लेकिन अगर एसआईटी की रिपोर्ट में मोदी को सबूतों के अभाव में क्लीन चिट दी गई है तो इससे उन्हें निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी को क्लीन चिट मिलेगी या नहीं ये कोर्ट तय करेगा।
बीजेपी ने इस रिपोर्ट पर संतुष्टि जाहिर की है। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दंगे दुर्भाग्यपूर्ण थे लेकिन दंगों का इस्तेमाल कुछ लोग नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए कर रहे थे। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एसआईटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया था और इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। पिछले 10 साल से एक मुहिम चल रही थी कि दंगों पर कार्रवाई तब तक प्रामाणिक नहीं मानी जाएगी जब तक नरेंद्र मोदी को उसमें दोषी न ठहराया जाए।

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